'शरबत जिहाद' की टिप्पणी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को लगाई फटकार, योग गुरु बोले- सभी VIDEO हटा लेंगे

By Tatkaal Khabar / 22-04-2025 12:06:10 pm | 134 Views | 0 Comments
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि ‘हमदर्द’ के रूहअफ़ज़ा को लेकर योग गुरु रामदेव की ‘‘शरबत जिहाद’’ संबंधी कथित टिप्पणी अनुचित है, इसने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है।


रामदेव की ‘पतंजलि फूड्स लिमिटेड’ के खिलाफ ‘हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया’ की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा, ‘‘इसने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। यह उचित नहीं है। आप (रामदेव के वकील) अपने मुवक्किल से निर्देश लें, अन्यथा सख्त आदेश दिया जाएगा।’’

‘हमदर्द’ के वकील ने न्यायालय को बताया कि हाल में पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रामदेव ने दावा किया था कि ‘हमदर्द’ के ‘रूह अफ़ज़ा’ से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया गया।



बाद में रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।

‘हमदर्द’ का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह मामला अपमान से परे है और यह ‘‘सांप्रदायिक विभाजन’’ पैदा करने का मामला है।

वरिष्ठ वकील ने कहा, ‘‘यह नफरत फैलाने वाला भाषण है। वह (रामदेव) कहते हैं कि यह ‘‘शरबत जिहाद’’ है। उन्हें अपने काम से मतलब रखना चाहिए। वह हमें क्यों परेशान कर रहे हैं?’’

रामदेव ने अदालत से कहा, वह संबंधित वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट हटाएंगे

कुछ समय बाद मामले की सुनवाई फिर से शुरू होने पर रामदेव के वकील ने कहा कि वह अपने विवादास्पद बयानों से संबंधित सभी प्रिंट या वीडियो प्रारूप के विज्ञापन और सोशल मीडिया पोस्ट तुरंत हटा लेंगे।

योग गुरु रामदेव ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया कि वह ‘हमदर्द’ के रूह अफ़ज़ा पर अपनी कथित ‘‘शरबत जिहाद’’ टिप्पणी से संबंधित वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट तुरंत हटा लेंगे।

उनका यह बयान अदालत की उस टिप्पणी के तुरंत बाद आया है जिसमें कहा गया है कि रामदेव का यह बयान अनुचित है और इसने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है।

‘हमदर्द’ के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि हाल में पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रामदेव ने दावा किया था कि ‘हमदर्द’ के ‘रूह अफ़ज़ा’ से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया गया।

अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर के बयान को रिकॉर्ड में दर्ज किया और रामदेव से पांच दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा कि वह भविष्य में प्रतिस्पर्धियों के उत्पादों के संबंध में ऐसा कोई बयान, विज्ञापन या सोशल मीडिया पोस्ट जारी नहीं करेंगे।