IAS RETIREMENT :यूपी कैडर के 2 बड़े आईएएस अधिकारी बुधवार को हो रहे रिटायर,कृषि उत्पादन आयुक्त की रेस में कौन-कौन है जानिए

By Tatkaal Khabar / 29-04-2025 12:35:57 pm | 205 Views | 0 Comments
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में कल यानी 30 अप्रैल 2025 को बड़ा बदलाव होने वाला है. यूपी कैडर के 2 बड़े आईएएस अधिकारी बुधवार को रिटायर हो रहे हैं. रिटायर होने वालों में वरिष्ठ IAS अधिकारी अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग शामिल हैं.

इनके साथ ही 1987 बैच के IAS अरुण सिंघल हैं, जो इस समय केंद्र सरकार में महानिदेशक, भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के पद पर तैनात हैं. रिटायरमेंट के साथ ही अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त के पद पर नई तैनाती को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं.

अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए वरिष्ठता के आधार पर 1989 बैच के IAS अधिकारी एसपी गोयल का नाम सबसे आगे चल रहा है, लेकिन अन्य अधिकारियों की दावेदारी भी कमजोर नहीं मानी जा रही है. इसके साथ ही मुख्य सचिव पद के लिए भी गोयल की स्थिति मजबूत दिख रही है, बशर्ते कुछ अन्य समीकरण उनके पक्ष में रहें.

बता दें कि गोयल वर्तमान में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव हैं और APC की कुर्सी के लिए वरिष्ठता क्रम में पहले दावेदार हैं. गोयल का रिटायरमेंट जनवरी 2027 में होना है, जिसके चलते उनके पास इस पद पर लंबा कार्यकाल बाकी है. इसके अलावा, मौजूदा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल जुलाई 2025 में समाप्त होने के बाद, यदि उनका सेवा विस्तार नहीं होता, तो मुख्य सचिव की कुर्सी के लिए भी गोयल प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.

हालांकि, नौकरशाही के गलियारों में चर्चा है कि यदि 1989 बैच के ही IAS अधिकारी देवेश चतुर्वेदी, जो इस समय भारत सरकार में कृषि सचिव के पद पर कार्यरत हैं, उत्तर प्रदेश में वापसी करते हैं, तो मुख्य सचिव पद के लिए उनकी दावेदारी भी मजबूत हो सकती है. चतुर्वेदी की संभावित वापसी गोयल के लिए चुनौती पेश कर सकती है. ऐसी स्थिति में गोयल को शासन से बाहर के पद, जैसे पिकप या ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन का चेयरमैन बनाए जाने की संभावना भी है.

APC की कुर्सी के लिए दूसरे नंबर पर 1990 बैच के दो IAS अधिकारियों हिमांशु कुमार और दीपक कुमार के नाम भी चर्चा में हैं. हिमांशु कुमार का रिटायरमेंट अक्टूबर 2025 में होना है, जबकि दीपक कुमार का रिटायरमेंट अक्टूबर 2026 में होगा. दीपक कुमार का लंबा कार्यकाल उन्हें इस रेस में मजबूत स्थिति प्रदान करता है. दोनों अधिकारियों की प्रशासनिक क्षमता और अनुभव को देखते हुए इनकी दावेदारी को भी कमतर नहीं आंका जा सकता.

नौकरशाही में समीकरणों का खेल: उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में नियुक्तियों को लेकर हमेशा से समीकरणों का खेल देखने को मिलता है. वरिष्ठता के साथ-साथ सरकार के साथ तालमेल, प्रशासनिक अनुभव और अन्य राजनीतिक कारक भी इन नियुक्तियों में अहम भूमिका निभाते हैं. देवेश चतुर्वेदी की संभावित वापसी और मनोज कुमार सिंह के सेवा विस्तार की अनिश्चितता ने इस रेस को और रोचक बना दिया है.