राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन उत्तर प्रदेश आंदोलन की राह पर.... 15 सितंबर से करेंगे चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा....

By Tatkaal Khabar / 14-09-2018 08:36:23 am | 9920 Views | 0 Comments
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Lucknow :  लखनऊ 13 सितंबर राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन उत्तर प्रदेश के केंद्रीय अध्यक्ष आर के त्रिवेदी और केंद्रीय महासचिव जीवी पटेल ने प्रेस वार्ता में बताया वर्तमान समय में दिन रात 24 घंटे काम करने के बावजूद भी ऊर्जा क्षेत्र में अवर अभियंता उत्पीड़न और उपेक्षा के शिकार हैं अवर अभियंता प्रोन्नत अभियंता उत्तर प्रदेश सरकार के अपेक्षा के अनुरूप सभी परिवारों को निशुल्क विद्युत संयोजन निर्गत करने की महत्वकांक्षी सौभाग्य योजना के क्रियान्वयन के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करते रहते हैं सार्वजनिक अवकाशों में भी कार्य का लक्ष्य प्राप्त के लिए समर्पित रहे लाइन लॉसेस को कम करनेइन सारी प्रतिकूलताओं के बाद संगठन में नई सरकार के गठन के बाद धैर्यपूर्वक सहयोग करता रहा परंतु विगत दिनों में लगातार प्रतिगामी आदेश हो रहे हैं एवं प्रदेश भर में संगठन के सदस्यों पदाधिकारियों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न किया जा रहा है नियम विरुद्ध अस्थाई कर्मियों अवर अभियंताओं प्रभारियों की तैनाती की जा रही है और संगठन द्वारा प्रेषित मांग पत्र पर लगातार उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाए जाने के कारण संगठन चरणबद्ध ध्यानाकर्षण आंदोलन के लिए बाध्य हुआ है -जीवी पटेल केंद्रीय महासचिव

बकाएदारों के ख़िलाफ़ विभाग द्वारा चलाया गए अभियान में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया गया बिजली विच्छेदन 95% FIR केवल अवर अभियंताओं द्वारा ही दर्ज कराई गई है जगह जगह मारपीट की घटनाएं हुई फिर भी इंजीनियर अपना काम पूरी मेहनत से करते रहें 

बेहतर उपभोक्ता सेवा एवं विद्युत व्यवस्था के लिए कारपोरेशन द्वारा घोषित यार्ड स्टिक के अनुसार अवर अभियंता के लगभग 3000 पदों की आवश्यकता है वर्तमान में अवर अभियंता के 5326 के सापेक्ष 1870 पद खाली है अति भार की सहज कल्पना की जा सकती है लगभग सभी अवर अभियंताओं के पास एक से अधिक विद्युत उपकेंद्रों का अतिरिक्त कार्यभार है इसी प्रकार उत्पादन निगम लिमिटेड में निर्माणाधीन नई परियोजनाओं की गुणवत्ता पूर्ण निर्माण सुरक्षित करने तदोपरांत विद्युत उत्पादन इकाइयों के दक्षता पूर्वक परिचालन सुरक्षा हेतु अवर अभियंता अभियंता के संवर पदों का सृजन विगत वर्षो से लंबित है इस परियोजना में प्रदेश की जनता का लगभग 30 से 40 हजार करोड़ की धनराशि निवेश की जा रही है जिस का सदुपयोग तकनीकी कमियों के कारण समस्या में पड़ सकता है