राज्यपाल ने सम्पूर्ण क्रांति के प्रेणता लोकनायक जय प्रकाश नारायण को आदरांजलि अर्पित की
लखनऊ: 11 अक्टूबर, 2018
राज्यपाल ने लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर जारी अपने संदेश में कहा है कि सम्पूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जय प्रकाश नारायण के विचारों से ऊर्जा प्राप्त होती है। उनमें अद्भुत संगठनात्मक शक्ति थी तथा उनके विचारों में बहुत ताकत थी। उन्होंने स्वाधीनता आन्दोलन तथा आपातकाल में अहम भूमिका निभायी। वे युवाओं के नेताओं के रूप में जाने जाते थे। जातीयता, भ्रष्टाचार तथा असमानता को दूर करने में जय प्रकाश नारायण के विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
श्री नाईक ने कहा कि जय प्रकाश नारायण ने विद्यार्थी जीवन में ही स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। 1948 में उन्होंने समाजवादी सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना की तथा 1975 में आपातकाल के दौरान गिरफ्तार भी हुए। उन्होंने सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान किया। उनका मानना था कि ‘भ्रष्टाचार मिटाने, बेरोजगारी दूर करने, शिक्षा में क्रांति लाने के लिये सम्पूर्ण क्रांति आवश्यक है।’ वे राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक एवं बौद्धिक क्रांति के पक्षधर थे।
राज्यपाल ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि समाजवादी नेता जय प्रकाश नारायण के साथ आपात काल के पूर्व तथा बाद में जनता पार्टी के समय में काम करने का अवसर मिला। राज्यपाल ने लोकनायक जय प्रकाश नारायण से अपने पुराने संबंध को साझा करते हुए बताया कि आपातकाल में भी उनसे बराबर विचार-विमर्श होता था। अपनी बीमारी के समय जब वे जसलोक अस्पताल में भर्ती थे, तब जय प्रकाश नारायण जी से बराबर मिलना जुलना रहता था। कई कार्यक्रमों में उनके साथ मंच भी साझा किया है। उन्होंने कहा कि जय प्रकाश नारायण जी छोटे से छोटे कार्यकर्ता को भी अपनी बात रखने का अवसर देते थे तथा उन्हें प्रोत्साहित करते थे।