आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के“लौह पुरुष” सरदार वल्लभ भाई पटेल के 143वें जन्मदिवस पर 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का किया उद्धघाटन
गांधीनगर: देश की प्रमुख इस्पात निर्माता कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) ने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' के निर्माण के लगभग 50% स्टील की आपूर्ति की है आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रथम उप-प्रधानमंत्री और “लौह पुरुष” सरदार वल्लभ भाई पटेल के 143वें जन्मदिवस पर उनकी स्मृति में बनी 182 मीटर ऊंची इस प्रतिमा को देश को समर्पित किया, इसके साथ ही 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' को दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बन गई.भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आज की घटना देश के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण हैं और ऐसी घटनाओं को मिटाना बहुत मुश्किल है। यह सभी भारतीयों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। मैं सरदार साहब की इस मूर्ति को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए भाग्यशाली हूं। यह बात मोदी ने देश के पहले गृहमंत्री और उपप्रधानमंत्री सरदार पटेल की 143 वीं जयंती पर मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देश को समर्पित करने के अवसर पर कही।
मोदी ने कहा कि यह एक परियोजना है, जिसे हमने उस समय सोचा था जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए, पूरे भारत के लाखों किसान एक साथ आए, उन्होंने अपने उपकरण, मिट्टी के हिस्से दिए और इस प्रकार, एक जन आंदोलन शुरू हुआ।
मोदी ने बिना नाम लिए कांग्रेस को निशाना बनाते हुए कहा कि पटेल को नजरअंदाज किया गया। उनकी वजह से साढे पांच सौ रियासतों का एकीकरण किया गया। सरदार पटेल ने देश को एक रास्ता दिखाया।
इस प्रतिमा को सुदृढ़ बनाने और मजबूती प्रदान करने के लिए सेल के रीइन्फॉर्सड (सुदृढ़) स्टील जैसे टीएमटी इत्यादि के साथ-साथ सेल के स्मार्ट ढांचागत और प्लेट का भी इस्तेमाल किया गया है|'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' सरदार सरोवर बांध के पास बनाया गया है. इस बांध का भी लोकार्पण पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था| इस बांध के निर्माण के लिए सेल ने कुल इस्तेमाल किए गए स्टील की लगभग 85% (करीब 85,000 मीट्रिक टन) आपूर्ति की थी| उल्लेखनीय है कि यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से 3.2 किमी की दूरी पर साधू बेट नामक स्थान पर है, जो कि नर्मदा नदी पर एक टापू है|