आइये जाने GST से क्या होगा सस्ता और महंगा,शराब को रखा गया है इस दायरे से बाहर ...
नयी दिल्ली: भारतीय इतिहास के टैक्स रिफॉर्म की दिशा में 29 जुलाई 2017,ऐतिहासिक दिन के तौर पर जाना जाएगा। GST के चारों विधेयक 29 जुलाई को लोकसभा में ध्वनिमत से पास हो गया है । GST के पास होते ही अब 20 से ज्यादा इन डायरेक्ट टैक्स से मुक्ति मिलेगी।सरल सीधे लब्ज़ो में कहें तो GST उत्पादन के बजाए उपभोग पर लगाए जाने वाला टैक्स है। आपको बता दें शराब को GST के दायरे से बाहर रखा गया है।
GST के चार विधेयक हैं। CGST- इस टैक्स को केंद्र सरकार वसूल करेगी, SGST- इस टैक्स को राज्य सरकार वसूल करेगी। IGST- दो राज्यों के बीच होने वाले कारोबार पर केंद्र सरकार टैक्स वसूल करेगी और दोनों राज्यों को बराबर बांट देगी। UTGST- यूनियन टेरिटरी से केंद्र सरकार टैक्स वसूल करेगी। 31 मार्च को GST काउंसिल की बैठक है। काउंसिल के हेड देश के वित्तमंत्री होंगे साथ ही इसके मेंबर सभी राज्यों के वित्तमंत्री होंगे। GST काउंसिल पहले ही ऐलान कर चुका है कि इसके तहत 5 टैक्स स्लैब होंगे। 0 फीसदी, 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी।
GST के तहत करीब 5000 वस्तु और सेवा आती है। GST काउंसिल को यह तय करना है कि किस वस्तु और सेवा पर क्या टैक्स वसूला जाए। वर्तमान में रोजमर्रा की चीजों पर हम करीब 35 फीसदी टैक्स चुकाते हैं। GST लागू होने के बाद करीब 20 तरह के इन डायरेक्ट टैक्स नहीं लगेंगे। लगभग 2 हजार वस्तु और सेवा पर तो कोई टैक्स ही नहीं लगेगा।ज्यादातर वस्तुओं पर 12 फीसदी से 18 फीसदी तक टैक्स लगाया जाएगा। कम टैक्स लगने के चलते चीजें सस्ती होंगी।
पूरे देश में एक टैक्स सिस्टम होने के चलते आम जनता को फायदा होगा। GST लागू होने के बाद टैक्स चोरी रूक जाएगी। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक इससे भारत का GDP करीब 2 फीसदी तक बढ़ जाएगा।
GST के बाद व्यापार आसान होगा। एक राज्य से दूसरे राज्य में परिवहन के दौरान व्यापारियों को परेशानी नहीं होगी। अलग अलग राज्यों में टैक्स नहीं चुकाने से चीजें सस्ती होंगी। वैसे भी GST उत्पादन पर नहीं लगेगा।
GST की वजह से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में क्रांति देखने को मिलेगी। 5 साल तक अगर राज्य सरकारों को राजस्व में नुकसान होता है तो उसका वहन केंद्र सरकार करेगी। GST काउंसिल में केंद्र अपनी बात थोप नहीं सकता है।
व्यापारियों को अब टैक्स रिटर्न तीन महीने के बजाए हर महीने भरना होगा।
छोटी कार , बाइक, एसयूवी, रेडीमेड कपड़े, फिल्म टिकट और रोजमर्रा की तमाम चीजें सस्ती होंगी जबकि सिगरेट एयर ट्रैवल वगैरह महंगा होगा।
किस तरह से देना होगा टैक्स
जिस बिजनेसमैन का रेवेन्यू करीब 20 लाख है उसे GST से बाहर रखा जाएगा। 50 लाख सालाना रेवेन्यू होने पर टर्नओवर पर 2 फीसदी GST देना होगा (1 फीसदी CGST-केंद्र को और 1 फीसदी SGST- राज्य सरकार को देना होगा)। रेस्टोरेंट को 5 फीसदी GST देना होगा