ARTICLE 370 : राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास,पक्ष में 125, विपक्ष में 61 वोट पडे

By Tatkaal Khabar / 05-08-2019 02:10:31 am | 10638 Views | 0 Comments
#

जम्मू-कश्मीर को पुनर्गठित करने के प्रस्ताव वाले विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है। उच्च सदन ने इस विधेयक को पारित कर दिया। इस बिल के तहत लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया जाएगा और दोनों केंद्र शासित प्रदेश होंगे। इसके पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण वाला विधेयक भी पास हो गया है। पुनर्गठन विधेयक को मंजूरी से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में यदि हालात सुधरते हैं तो सूबे को दोबारा पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जा सकता है।

'श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिया बलिदान'

अमित शाह ने आर्टिकल 370 हटाने को लेकर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास का रास्ता यहीं से होकर जाता है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि जम्मू-कश्मीर में लंबे रक्तपात का अंत आर्टिकल 370 समाप्त होने से होगा। हमारे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इसके लिए बलिदान दिया। हम उन्हें याद करना चाहते हैं। 

आपको बताते जाए कि इससे पहले जम्मू कश्मीर में धारा 370 को हटाने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश कर दिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे। यानी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश कर दी है। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर राज्य के पुनर्गठन का भी फैसला कर दिया है। लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा देते हुए जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया है। जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बना का प्रस्ताव रखा है।

टीएमसी ने वोटिंग से बहिष्कार किया।

-राज्यसभा में वोटिंग मशीन में तकनीकी समस्या आ जाने के कारण पर्ची से हो वोटिंग हो रही है।

-राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर वोटिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है।

- गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर हमेशा केन्द्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा। आप देखना पांच साल में कश्मीर पांच साल में बहुत विकास होगा।

-अमित शाह ने कहा कि धारा 370 की वजह से ही कई संविधान संशोधन वहां आजतक लागू नहीं हो पाए है। पंचायत और नगर पालिका के चुनाव वहां नहीं होते थे। सरपंचों के अधिकार 70 साल तक छीने गए उसके लिए कौन जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि यह अधिकार कभी नहीं मिला, इस पर कोई नहीं बोलेगा. घाटी में सिर्फ मुस्लिम रहते हैं क्या, धारा 370 अच्छी है तो सभी के लिए है और बुरी है तो भी सभी के लिए हैं। तीन परिवारों ने जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को पनपने नहीं दिया, लेकिन राष्ट्रपति शासन में वहां शांतिपूर्ण चुनाव हुए हैं। अमित शाह ने कहा कि पंचायत चुनाव में 50 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई है और वहां की जनता लोकतंत्र चाहती हैं। 

-अमित शाह ने कहा कि इस मौके पर आज मैं हमारे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भी याद करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि 41800 लोगों ने जान गंवाई है, अगर धारा 370 न होती तो इन लोगों की जान न जाती। ज्यादतर पर बातें तकनीक पर हुईं जबकि धारा 360 की उपयोगिता पर कोई बात नहीं हुई। इससे क्या हासिल होने वाला है इस पर कुछ बात नहीं हुई है। इसकी वजह से घाटी, लद्दाख और जम्मू कश्मीर के लोगों का नुकसान हुआ है।

- गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में रक्तपात बंद हो जाएगा। 


-जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का विरोध करने और राज्यसभा में संविधान की प्रति फाड़ने वाले पीडीपी के सांसद फैयाज लावे पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवानी ने कहा कि मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को बधाई देता हूं।
- भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जम्मू कश्मीर पर सरकार के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि अब हमारा अगला कदम पाकिस्तान के द्वारा अधिग्रहित भारतीय क्षेत्रों को लेना है। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को कहना चाहिए कि वह भारत को गैर कानूनी तरीके से लिए गए कश्मीर के हिस्से को लौटा दें।


- मोदी सरकार की ओर से मंगलवार को लोकसभा में धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा।