श्राद्ध में न पड़ जाए शनि की टेढ़ी नजर
यदि जन्म कुंडली में शनि मेष राशि मे बैठकर पंचम भाव पर अपनी नजर डालें. पंचम भाव का स्वामी नीच के शनि से दृष्ट हो तो विद्या प्राप्ति में बाधा आती हैं. पंचम भाव का स्वामी और बृहस्पति शुभ भावों में ना होने के कारण विद्या प्राप्ति में विलंब करते हैं.
मजदूरों का हक मारने और किसी का पैसा जमीन जायदाद हड़पने पर शनि रुष्ट हो जाते हैं और पढ़ाई लिखाई में बाधा डालते हैं. नवम भाव पर नीच के शनि की दृष्टि होने से विद्या प्राप्ति में मुश्किलें आती है पितरो के प्रति आदर भाव न रखने से भी राहु का दुष्प्रभाव आता है.
कौन से कर्म शनि को नाराज करते हैं?
- हरे भरे वृक्ष/ पीपल या बरगद का पेड़ कटवाने से शनि रुष्ट हो जाते हैं
- बिना कारण के गर्भपात करवाने से शनि नाराज होते हैं
- अपने बड़े बुजुर्गों और महिलाओं का अनादर करने से शनि शुभ फल नहीं देते है
-घर के मुख्य द्वार के आसपास गंदगी रखने से शनि नाराज होते हैं
ऐसे कर्म करने से भी बचें
- किसी मजदूर या कर्मचारी का हक मारने से भी शनि रुष्ट होते हैं
- मन में लालच की भावना रखने से भी शनि अच्छा फल नहीं देते
- हर अमावस्या पर पितरों के नाम से जरूरतमंद लोगों के लिए कुछ भी दान नहीं करते है.
पितृ पक्ष में मिलेगा संतान प्राप्ति का महाउपाय
- पितृपक्ष में पति पत्नी एक साथ मिलकर संतान गोपाल का अनुष्ठान जरूर करवाएं
- पितृ पक्ष में बृहस्पतिवार का उपवास अवश्य रखें
- प्रतिदिन सुबह एक बार गजेंद्र मोक्ष का पाठ करें
- पति पत्नी 1 पीतल या सोने का छल्ला तर्जनी उंगली में जरूर धारण करें
ये उपाय भी करें
- शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं
- पति पत्नी दोनों केसर का तिलक करें
- पितृ पक्ष में पति या पत्नी कच्चे दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग पर सोमवार और बृहस्पतिवार के दिन अर्पण करें
- शनिवार की शाम को जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं
कुंडली में दोष के कारण रुका है धन?
- अपने घर की दक्षिण दिशा में पितरों की फोटो लगाकर उनके सामने शुद्ध घी का दीया जलायें
- अपने घर के मुख्य द्वारा पर लाल रंग का स्वस्तिक लगाएं
- भगवान विष्णु को तुलसी माखन और मिश्री का भोग लगाएं
- पितृपक्ष में तामसिक भोजन जैसे प्याज लहसुन और मांसाहार का प्रयोग ना करें
मां लक्ष्मी के मंत्र का लाभ
- केले और पीपल के पेड़ के नीचे गाय के घी का दीपक जलाएं
- देवी लक्ष्मी के मंत्र ॐ श्रीं नमः मन्त्र का लाल चन्दन की माला से 108 बार जाप करें
- ऐसा लगातार तब तक करें जब तक कार्य सिद्ध न हो