GST लागू..देश को मिली आर्थिक आजादी, एक कर व्यवस्था
देश की विभिन्न कर प्रणाली को एक सूत्र में बांधने वाले बिल वस्तु एवं सेवा कर अर्थात् जीएसटी बिल को संसद की पटल पर रखकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री द्वारा घंटी बजाकर पूरे देश के लिए लागू कर दिया गया है।
इसी के साथ ही देश में एक समान अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लागू हो गई और वन नेशन, वन टैक्स, वन मार्किट का नारा भी यथार्त में साकार हो गया।
इस मौके को एतिहासिक बताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जीएसटी को लेकर मेरी उम्मीद आज पूरी हुयी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने अपना काम पूरी सत्यता के साथ किया है। मैं पूरे देश की आवाम को इस बिल के लागू होने की बधाई देता हूं।
उन्होंने कहा कि यह बिल हमारी एकता की मिसाल है जिसे हमें आगे बढ़ाना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर दिए अपने संबोधन में कहा कि जीएसटी के लागू होने से केंद्र और राज्य निश्चित दिशा में आगे बढ़ेंगे। जो कि एक भारत और श्रेष्ठ भारत की मिसाल है।
उन्होंने कहा कि 70 लाख तक का सालान कारोबार करने वाले उद्यमियों को बिल के तहत कोई कर नहीं देना होगा। मोदी ने कहा कि देश के सवा सौ करोड़ देशवासी नई व्यवस्था की ओर एक साथ बढ़ रहे हैं। यह बिल हमारे संघीय ढांचे, लोकतंत्र, कोआपरेटिव फेडरलिज्म (सहकारी संघीय) के हमारे कॅान्सेप्ट की मिसाल है।
उन्होंने कहा यह अदभुत संयोग है कि गीता में भी 18 अध्याय हैं और जीएसटी कौंसिल ने भी 18 मीटिंग की हैं।
उन्होंने कहा कि देश के गरीबों के हित के लिए जीएसटी व्यवस्था सबसे कारगर होने वाली है। उन्होंने आगे कहा कि नई व्यवस्था से आम लोगों पर कोई बोझ नहीं आएगा और इमानदार व्यापारी परेशान नहीं होंगे। GST का मतलब गुड्स & सिंपल टैक्स भी समझा जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के वक्त सरदार पटेल ने जिस तरह 500 से ज्यादा रियासतों को मिलाकर एक एक श्रेष्ठ भारत बनाया, उसी तरह जीएसटी के जरिए देश का एकीकरण हो रहा है और देश मजबूत होगा।
मोदी ने कहा कि यह कर व्यवस्था नए गवर्नेंस कल्चर को लेकर आयी है। और सभी भारतीय इस एतिहासिक घटना के सार्थी हैं। उन्होंने कहा कि जीसटी से गरीबी कम होगी व देश नए आयाम को स्थापित करेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में उपस्थित सभी मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाली ये आर्थिक क्रांति उस वक्त की है जब विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है।
उन्होंने कहा कि इस एतिहासिक व्यवस्था को लागू करने में 18 सालों का लंबा समय लगा है। 2003 में माननीय विजय केलकर जी ने इस एतिहासिक क्षण की पहल की थी।
उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक क्षण के लिए हमें सबका साथ मिला है, सभी राज्यों ने अपनी ज़िम्मेदारी निभाई है।जीएसटी कौंसिल ने 18 मीटिंग की, 24 रेगुलेशन पास किये और 1211 कमोडिटीज के लिए टैक्स दर तय की।
उन्होंने कहा कि अब इस बिल के लागू होने से राज्य और केंद्र दोनों जगह 17 कर और क़रीब 23 सेस ख़त्म हो जायेंगे। हर महीने सिर्फ 3 रिटर्न भरने होंगे।
वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि पहले कई अधिकारियों से मिलकर टैक्स के लिए व्यापारियों को काम करना पड़ता था लेकिन अब सिर्फ एक अधिकारी से मिलकर प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है।
जेटली ने कहा कि संवेधानिक दृष्टि से इस बिल ने राज्य और केंद्र को जोड़ा है। उन्होंने राज्यों और दलों का धन्यवाद करते हुए कहा कि जीएसटी सभी की सर्वसम्मति से लागू हो रहा है।
मंत्री ने कहा कि आम जनता और गरीब को इस बिल से लाभ होगा। मंहगाई कम होगी और जीडीपी बढ़ेगी