सरकार का फैसला ;अब ऑनलाइन कम्पनियां नहीं बेच सकेंगी गैर-जरूरी सामान
केंद्र सरकार ने रविवार को ऑनलाइन कंपनियों के गैर जरूरी सामान बेचने पर रोक लगा दी है।कॅान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के विरोध करने के बाद कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि कॅान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) कैट के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है। अब ऑनलाइन कम्पनियां गैर-जरूरी वस्तु नहीं बेच सकेंगी।उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा 2 दिन पूर्व 20 अप्रैल से ऑनलाइन कम्पनियों को फ्रीज, कूलर, एसी. की ऑनलाइन बिक्री की देश में अनुमति दी थी। इसके पश्चात छोटे एवं मध्यम व्यापारियों की देश की सबसे बड़ी संस्था कैट द्वारा इस निर्णय को गलत ठहराते हुए सरकार से कहा गया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बावजूद देश के व्यापारियों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए पूरी देश की जनता को दवाई, राशन, दूध जैसी आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथ देश के लाखों फंसे हुए मजदूरों तक मुफ्त में भोजन व सूखा राशन पहुंचाने का कार्य कर रही हैं। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री आपदा कोष एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष में करोड़ो रुपये की धनराशि प्रदान की।जबकि इस संकट की घड़ी में अमेजन फ्लिपकार्ट, वाॅलमार्ट कम्पनियां कही भी देश की जनता के साथ व देश की सरकार व प्रदेश की सरकार के साथ खड़ी नहीं दिखाई दी। कैट के संजय चौबे द्वारा सरकार से यह भी कहा गया कि यदि लॉक-डाउन अवधि में ऑनलाइन कम्पनियों को छूट दी गयी तो यह देश के करोड़ो व्यापारियों के साथ विश्वासघात होगा।बताते चलें कि कैट के दुर्ग जिला अध्यक्ष प्रहलाद रुंगटा, प्रदेश उपाध्यक्ष पवन बड़जात्या, प्रदेश मिडिया प्रभारी संजय चौबे, प्रदेश प्रभारी मोहम्मद अली हिरानी अमर कोटवानी व मनोज गोयल ने सयुंक्त बयान जारी कर केंद्र सरकार को असहयोग आंदोलन भी चलाने की चेतावनी दी थी, जिसके चलते आज केंद्र सरकार द्वारा ऑनलाइन कम्पनियों को गैर जरूरी वस्तु सप्लाई नहीं करने का फैसला सुनाया है