सरकार लागू करेगी एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना को लागू करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार दो महीने तक प्रवासियों को मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति करेगी। मजूदरों को बिना राशन कार्ड के दो महीने तक फ्री राशन मिलेगा। साथ ही राशन कार्ड का किसी भी राज्य में प्रयोग किया जा सकेगा ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि मुद्रा शिशु लोन के लिए सरकार 1,500 करोड़ रुपये की मदद देगी।
मुद्रा लोन के तीन स्तर हैं, इसके पहले स्तर यानि शिशु लोन में 50 हजार रुपये तक का लोन छोटे-मोटे काम-धंधे करने के लिए दिया जाता है।
यह जानकारी खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने दी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी केंद्र सरकार से कह चुका है कि वह 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना अपनाने की संभावना पर विचार करे ताकि कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के दौरान पलायन करने वाले कामगारों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को रियायती दाम पर अनाज मिल सके।
इस पहल के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के पात्र लाभार्थी एक ही राशन कार्ड का उपयोग करके देश में कहीं भी किसी भी उचित मूल्य की दुकान से अपने हिस्से का खाद्यान्न ले सकेंगे। शुक्रवार को रामविलास पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ''अब तक 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जोड़ा जा चुका है और ओडिशा, मिजोरम एवं नागालैंड जैसे तीन और राज्य भी तैयार हो रहे हैं। कुल 20 राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश एक जून से राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के शुभारंभ के लिए तैयार होंगे।
इन राज्यों में प्रक्रिया पूरी
उन्होंने कहा कि राशन कार्ड के साथ आधार विवरण को सम्बद्ध करना और पीडीएस दुकानों पर पॉइंट आफ सेल मशीन स्थापित करना, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को प्रभावी रूप से सक्षम बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह प्रक्रिया पहले ही, 17 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में पूरी हो चुकी है, जिसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड, त्रिपुरा, बिहार, यूपी, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दमन और दीव शामिल हैं।
लॉकडाउन में ही 'एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड'
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना अपनाने की संभावना पर विचार करे। न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने सोमवार को पारित अपने आदेश में कहा, ''हम केंद्र सरकार को इस समय यह योजना लागू करने की व्यावहारिकता पर विचार करने और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेने का निर्देश देते हैं।''