भाजपा सरकार की 1 साल की उपलब्धियां डिजिटली अब जनता तक..एक साल की उपलब्धियों का ब्योरा लेकर PM का पत्र 10 करोड़ घरों तक पहुंचेगा...
केन्द्र में मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा करने जा रही है। लेकिन इस बार देश भर में जारी कोरोना संकट को देखते हुये पार्टी ने पहली सालगिरह के मौके को अलग तरीके से मनाने की तैयारी की है। इस अवसर पर भाजपा देश की जनता तक सरकार की एक साल की उपलब्धियों को डिजिटली पहुंचाएगी। इसके साथ ही पार्टी विशेष तौर पर 10 करोड़ लोगों तक प्रधानमंत्री द्वारा लिखे गए पत्र को पहुंचायेगी, जिसमें पिछले एक साल की उपलब्धियों का ब्योरा होगा।
इस सिलसिले में पार्टी 27 मई से डिजिटल कैम्पेन शुरू कर रही है, जो 29 मई तक देश के कोने-कोने में आयोजित होगा। इस कार्यक्रम का केन्द्र बिन्दु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किये गये 'आत्मनिर्भर भारत' और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है। वैसे तो पार्टी कमल संदेश के जरिये सरकार की एक साल की उपलब्धियों को डिजिटल बुलेटिन के जरिये घर-घर तक पहुंचाने की रणनीति पर काम कर ही रही है।
इसके साथ ही पार्टी विशेष तौर पर 10 करोड़ घरों तक प्रधानमंत्री द्वारा लिखे गए पत्र को पहुंचायेगी, जिसमें पिछले एक साल की उपलब्धियों के बखान के साथ-साथ कोरोना काल में हासिल की गई उपलब्धियों का विस्तृत ब्योरा होगा। इसमें 20 लाख करोड़ के 'आत्मनिर्भर भारत' पैकेज का जिक्र तो होगा ही, साथ ही इस बात का भी विस्तृत उल्लेख होगा कि किस तरह 'लोकल से ग्लोबल' कायक्र्रम पर जोर दिया जा रहा है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक 10 करोड़ लोगों तक जो पत्र भेजा जायेगा उसमें आत्म निर्भर भारत का संकल्प, विश्व कल्याण हेतु भारत की भूमिका, कोविड-19 से बचाव हेतु सावधानियां, स्वस्थ रहने के लिये अच्छी आदतों के संकल्प समेत धारा 370 खत्म किये जाने, नागरिकता संशोधन कानून, राम मंदिर और ट्रिपल तलाक खत्म करने जैसे मुद्दों का उल्लेख होगा।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस को देश में फैलने से रोकने के लिए सरकार ने कई फैसले लिये हैं। इसके साथ ही सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और लोगों की मदद के लिए 20 लाख करोड़ रुपयों के आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की है। इन तमाम चीजों का जिक्र भी पत्र में हो सकता है।
माना जा रहा है कि पत्र में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े का भी उल्लेख हो सकता है, जिसमें कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रति लाख जनसंख्या पर वैश्विक औसत 62 दिखाया गया है। वहीं भारत में यह औसत 7.9 बताया गया है।