LAC पर भारत किसी भी तरह के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं करेगा : PMO
केंद्र सरकार ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के उस बयान पर सफाई दी, जिसमें उन्होंने सर्वदलीय बैठक (All Party Meer) में शामिल हुए सभी नेताओं से कहा था, “न वहां कोई हमारी सीमा में घुस आया है और न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है.” सरकार ने कहा कि पीएम के बयान को कुछ लोगों की तरफ से शरारतपूर्ण ढंग से रखने का प्रयास किया जा रहा.
सरकार ने कहा, “पीएम ने साफ-साफ कहा कि LAC पर किसी भी तरह के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.” उन्होंने कहा कि पहले के समय से अलग अब हमारी सेना किसी भी चुनौती को सीधा मुकाबला कर रही है.
‘चीनी सेना सीमा पर कर रही निर्माण कार्य’
केंद्र सरकार के मुताबिक, बैठक में पीएम ने बताया कि इस बार चीनी सेना बड़ी संख्या में LAC पर पहुंची है, जिसका जवाब देने में हमारी सेना पूरी तरह सक्षम है. पीएम ने बैठक में बताया कि जहां तक 15 जून को गलवान में हिंसा की बात है, वहां LAC पर चीनी सेना सीमा अतिक्रमण कर निर्माण कार्य करने की कोशिश कर रही थी और उसको रोकने को तैयार नहीं थी.
‘हमारी सेना की वीरता को लेकर था पीएम का बयान’
केंद्र ने कहा कि भारत की सीमा मे चीनी सेना का नहीं होने वाला पीएम का बयान हमारी सेना की वीरता और पराक्रम को बताने को लेकर था. 16 बिहार रेजीमेंट के सैनिकों ने अपना बलिदान देकर चीन की तरफ से LAC पर किए जा रहे निर्माण कार्य को रोकने का प्रयास किया.
‘भारत के मानचित्र में जो दर्शाया गया है वहीं हमारी बाउंडरी’
पीएम ने बैठक में साफ कहा कि हम आपको भरोसा देते हैं कि हमारी सेना हमारी सिमा को सुरक्षित रखने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रहने देगी. भारत के मानचित्र में जो दर्शाया गया है वहीं हमारी बाउंडरी है.
सरकार ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में ये भी बताया गया कि कैसे पिछले 60 सालों में चीन ने हमारे 43000 स्क्वायर किलोमीटर जमीन पर कब्जा जमा रखा है, इससे देशवासी पूरी तरह वाकिफ हैं.
PM के बयान से विवाद पैदा करना दुर्भाग्यपूर्ण
आखिर में केंद्र सरकार ने कहा कि इस समय जब हमारे सैनिक हमारी सिमा की सुरक्षा में जुटे हुए हैं, ऐसे समय में इस तरह का विवाद पैदा किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. कुल मिलाकर सर्वदलीय बैठक में ये भावना रही कि इस राष्ट्रीय संकट के काल मे सभी सरकार और सेना के साथ हैं. हमें विश्वास है कि भारतियों की एकता इस तरह के दुष्प्रचार के आगे फीकी नहीं पड़ेगी.