संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू; पीएम मोदी- कोरोना काल में जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं
सत्रहवीं लोकसभा का चौथा सत्र पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, वर्तमान सदस्य एच.वसंतकुमार, प्रख्यात संगीतज्ञ पंडित जसराज और अन्य के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ का आज आरंभ हुआ। श्रद्धांजलि देने के बाद लोकसभा एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कीमतों के निर्धारण और कृषि कार्य पर किसानों की सहमति से संबंधित विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत किया गया। अधीर रंजन चौधरी, सौगत राय और शशि थरूर ने विधेयक का विरोध किया।
शशि थरूर ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण से कोई संबंध न होने के बावजूद अनावश्यक रूप से इस संबंध में अध्यादेश लाया गया था। गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के अधिकारों को हड़प रही है और उन्हें पूंजीपतियों को सौंप रही है। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने इस विधेयक से न्यूनतम समर्थन मूल्य को जान-बूझकर हटा दिया है।
इसके अलावा, कांग्रेस, सीपीएम, टीएमसी और एआईएमआईएम सहित विपक्षी दलों ने मांग उठाई कि सत्र में प्रश्नकाल की अनुमति दी जानी चाहिए। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने अपने जवाब में कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण एक असाधारण स्थिति रही जिसमें राज्य विधानसभाएं भी सामान्य सत्र नहीं बुला पा रही हैं।
ऐसे में संसद लगातार 18 दिनों तक एक सत्र आयोजित कर रही है। श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार किसी भी सवाल का जवाब देने से पीछे नहीं हट रही है और सदस्यों से आग्रह किया कि महामारी के कारण समय का सदुपयोग करते हुए अपने प्रश्नों के लिए अन्य उपलब्ध तरीकों का उपयोग करें। श्री जोशी ने कहा कि वर्तमान सत्र विशेष परिस्थितियों में आयोजित किया जा रहा है और सरकार किसी भी चर्चा के लिए तैयार है।
कोरोनो संक्रमण प्रकोप के बाद आज सदन पहली बार एकत्रित हुआ। कोविड संक्रमण को देखते हुए सत्र का आयोजन दो पारियों में- सुबह नौ बजे से दिन के एक बजे तक, और दिन के तीन बजे से शाम सात बजे तक होगा। केवल आज को छोड़कर राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पारी में और लोकसभा की शाम पारी में होगी। कोविड-19 महामारी के बीच आयोजित होने वाले अपने तरह के पहले वर्षाकालीन सत्र में सदस्यों ने मास्क पहनकर सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए कार्यवाही में भाग लिया।
कोविड -19 के मद्देनजर अभूतपूर्व प्रबंधों के बीच 18 दिवसीय सत्र आयोजित किया जा रहा है। सदन में भाग लेने वाले सांसदों के लिए कोविड परीक्षण अनिवार्य है और केवल नकारात्मक रिपोर्ट आने पर ही सदन में बैठने की अनुमति दी गई है।
संसद में सुरक्षा और सचिवालय कर्मियों को भी प्रवेश से पहले कोरोनोवायरस परीक्षण आवश्यक है। सत्र के लिए दोनों सदनों और दीर्घाओं का उपयोग किया जा रहा है और कार्यवाही देखने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई हैं।
इस सत्र के दौरान पहली अक्तूबर तक 18 बैठकों में 45 विधेयक और दो वित्तीय प्रस्ताव सदन के पटल पर रखे जाएंगे। 11 विधेयक अध्यादेशों के स्थान पर लाए जाएंगे।
इनमें किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य(संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2020, भारतीय औषधि केन्द्रीय परिषद संशोधन विधेयक 2020, आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक-2020, बैंकिंग विनियमन संशोधन विधेयक 2020, महामारी रोग संशोधन विधेयक 2020 तथा मंत्रियों के वेतन और भत्तों में संशोधन संबंधी विधेयक 2020 शामिल हैं।
सत्र के दौरान कुछ नये विधेयक भी प्रस्तुत किये जाने की संभावना है। इनमें फैक्टरिंग विनियमन संशोधन विधेयक 2020, पेंशन कोष विनियामक और विकास प्राधिकरण संशोधन विधेयक 2020, राष्ट्रीय सहायक और स्वास्थ्य देखभाल व्यवसाय आयोग विधेयक 2020, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक 2020, विदेशी अंशदान विनियमन संशोधन विधेयक 2020, किशोर न्याय बाल संरक्षा और देखभाल संशोधन विधेयक 2020 तथा जम्मू कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक 2020 शामिल हैं।