बच्चो में संक्रमित रोगो के लिए रोग नियंत्रण पखवाड़ा अभियान चलाकर उसकी सफलता के जुलाई एवं अक्टूबर माह में अभियान का द्वितीय एवं तृतीय चरण भी चलाया जाये: मुख्य सचिव
माह मई के अंत तक गोरखपुर, बस्ती एवं आजमगढ़ मण्डल के समस्त जनपदों में समस्त सघन बाल रोग उपचार केन्द्र (पीकू), रुग्ण नवजात उपचार इकाई (एस0एन0सी0यू0) पर उपकरणों, औषधियों तथा मानव संसाधनों की समस्त व्यवस्था सुनिश्चित कराते हुये सत्यापन भी अनिवार्य रूप से करा लिया जाये: राजीव कुमार
संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा के अन्तर्गत 38 जनपदों में 01 से 15 वर्ष तक के सभी छूटे हुये बच्चों (3181729 के लक्ष्य के सापेक्ष 3181729) को जापानी इंसेफ्लाइटिस लगाया गया टीका, निर्धारित लक्ष्य का 106 प्रतिशत उपलब्धि की गयी अर्जित: सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
लखनऊ: 28 अप्रैल, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि विगत 02 अप्रैल से 16 अप्रैल के मध्य संचालित संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा अभियान की सफलता को देखते हुये आगामी जुलाई एवं अक्टूबर माह में अभियान का द्वितीय एवं तृतीय चरण भी चलाया जाये। उन्होंने कहा कि अतिसंवेदनशील जनपदों में नोडल अधिकारी नियुक्त किये जायें तथा संचारी रोगों के सम्बन्ध में जनपदों की तैयारी का असम्बद्ध पर्यवेक्षकों यथा डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ इत्यादि के माध्यम से भी सत्यापन कराया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि समस्त पर्यवेक्षक पर्यवेक्षण का कार्य निर्धारित प्रपत्रों एवं चैकलिस्टों को भरते हुये सावधानीपूर्वक पूर्ण कराया जाये। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित कर्मी अपनी आख्यायें तथा सुधार के लिये उठाये जाने वाले आवश्यक कदम नियमित रूप से शासन के संज्ञान में लाना सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज की फाॅलोअप बैठक कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि माह मई के अंत तक गोरखपुर, बस्ती एवं आजमगढ़ मण्डल के समस्त जनपदों में सभी सघन बाल रोग उपचार केन्द्र (पीकू), रुग्ण नवजात उपचार इकाई (एस0एन0सी0यू0) पर उपकरणों, औषधियों तथा मानव संसाधनों की समस्त व्यवस्था सुनिश्चित करा ली जाये तथा इसका सत्यापन भी अनिवार्य रूप से करा लिया जाये।
सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुश्री वी0 हेकाली झिमोमी ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा विगत 02 से 16 अप्रैल तक प्रदेश के 38 जनपदों में चलाया गया था, जिसके अन्तर्गत प्रदेश के 10 विभागों ने अन्तर्विभागीय सहयोग करते हुये संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिये विभिन्न गतिविधियां संपादित की थीं। इस पखवाड़ें के अन्तर्गत 01 से 15 वर्ष तक के सभी छूटे हुये बच्चों को उन 38 जनपदों में जापानी इंसेफ्लाइटिस का टीका लगाया जाना था, जिसकी 3181729 के लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धि 3396330 (106 प्रतिशत) रही।
सुश्री वी0 हेकाली झिमोमी ने बताया कि बस्ती तथा गोरखपुर मण्डलों के अतिसंवेदनशील सभी 07 जनपदों में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दिमागी बुखार के सम्बन्ध में व्यापक जन-जागरूकता उत्पन्न करने के लिये दस्तक नामक अभियान भी चलाया गया था, जिसके अन्तर्गत आशा बहुओं के द्वारा 2781229 घरों का भ्रमण कर दिमागी बुखार के कारणों रोकथाम एवं उपचार के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी गयी तथा प्रत्येक मकान पर इस सम्बन्ध में स्टीकर लगाया गया। इसी के साथ 54,282 मातृ बैठकें, 9,800 विलेज हेल्थ न्यूट्रिशन डेज, 8150 ग्राम स्वास्थ्य पोषण समिति बैठकें भी आयोजित की गयीं। 85,596 स्थानों पर पेयजल के क्लोरीनेशन का प्रदर्शन कराया गया, जिसमें 718017 लोगों को यह प्रक्रिया समझायी गई। इसके अतिरिक्त स्वयं सहायता समूहों की 14,126 बैठकें स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित करायी गईं। 6386 आशा, ए0एन0एम0 तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां, 4142 ग्राम प्रधानों, 9611 शिक्षकों एवं लगभग 1,000 चिकित्सा अधिकारियों एवं बाल रोग विशेषज्ञों को दिमागी बुखार के लिये विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों ने भी संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़े में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के द्वारा 60,000 से अधिक स्कूल रैलियां निकाली गईं तथा विद्यालयों में छात्रों को संचारी रोगों से बचाव एवं उपचार के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध करायी गई। ग्राम प्रधानों के द्वारा 7041 स्थानों पर प्रभात फेरियां निकाली गई हैं। बड़ी संख्या में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में नालियों की सफाई एवं झाड़ियों की कटाई का कार्य संपादित किया गया। 3,80,645 उत्थले हैण्डपंप चिन्हित किये गये तथा उनका जल उपयोग न करने के विषय में जनता को जागरूक किया गया। 1,423 गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों पर संदर्भित किया गया। चूहों एवं छछूंदर आदि पर नियंत्रण के लिये 69,554 संवेदीकरण बैठकों का आयोजन किया गया। सभी जनपदों में फाॅगिग तथा लार्वी साइडिल स्प्रे का कार्य भी प्रारंभ कराया गया।