किसान आंदोलन: कृषि कानूनों पर चर्चा के बीच केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों संग किया लंच

कृषि कानून के मसले पर सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत का एक और दौर जारी है. ये बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रही है, जिसमें 40 संगठन हिस्सा ले रहे हैं. वहीं, वार्ता के बीच लंच ब्रेक में किसानों के लिए आया लंगर मंत्रियों ने भी खाया. इससे पहले ऐसा नजारा विज्ञान भवन में नहीं दिखा था.
किसानों के साथ मंत्रियों ने खाया लंगर
विज्ञान भवन में वार्ता के बीच मंत्रियों ने किसानों के साथ लंगर खाया. इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल भी प्लेट लेकर लाइन में दिखे. बता दें कि आज किसान-सरकार के बीच 7वें दौर की बातचीत चल रही है.
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक माह से आंदोलन कर रहे किसान पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे। दूसरी ओर सरकार भी झुकने को तैयार नहीं दिख रही। केंद्र और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच ठहरी हुई बातचीत बुधवार को यानि आज होनी है। वहीं प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने कहा कि चर्चा केवल तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीकों एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने पर ही होगी।
इस बीच केंद्र और किसानों के बीच छठे दौर की वार्ता से एक दिन पहले मंगलवार को केंद्रीय मंत्रियों नरेन्द्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने वरिष्ठ भाजपा नेता एवं गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने इस बैठक में इस बारे में चर्चा की कि बुधवार को किसानों के साथ होने वाली वार्ता में सरकार का क्या रुख रहेगा। कृषि मंत्री तोमर, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश किसानों के साथ वार्ता में केंद्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। तोमर ने सोमवार को कहा था कि उन्हें गतिरोध के जल्द दूर होने की उम्मीद है।
- दिल्ली : कृषि कानूनों पर चर्चा के बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर ने विज्ञान भवन में लंच ब्रेक के दौरान किसान नेताओं के साथ भोजन किया।
- दिल्ली : केंद्रीय मंत्रियों से वार्ता के दौरान किसान नेताओं ने आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए न्याय और मुआवजे की मांग की है।
- दिल्ली : एक कार सेवा टेम्पो किसानों के लिए खाना लेकर विज्ञान भवन पहुंचा।
- दिल्ली : कृषि कानूनों पर किसान नेताओं के साथ आगे की वार्ता के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल विज्ञान भवन पहुंचे।
- गाजीपुर बॉर्डर (यूपी-दिल्ली बॉर्डर) पर डटे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि यह वैचारिक क्रांति पूरे देश की आवाज है। किसान वापस नहीं लौटेंगे। किसान खुद भूखा रह लेगा, लेकिन पड़ोसियों को भूखा नहीं सोने देगा।
- दिल्ली : बुराड़ी ग्राउंड से फरीदकोट (पंजाब)के जिला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने कहा कि आज दो बजे बैठक होगी। इस बैठक से हमें तो ज्यादा उम्मीद नहीं है, लेकिन इस साल इस कानून पर फैसला हो जाए तो ये हमारे और सरकार के लिए अच्छा होगा। जब कानून रद्द होगा हम तभी यहां से जाएंगे वरना नए साल पर भी यही रहेंगे।
-किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से बातचीत के लिए विज्ञान भवन पहुंचा एक किसान नेता ने कहा "हमारा रुख स्पष्ट है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए।
-तीन कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार के साथ बातचीत करने के लिए किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल सिंघु बॉर्डर से रवाना हुआ। केंद्र सरकार आज प्रदर्शनकारी किसानों के साथ छठे दौर की वार्ता करेगी।
-किसान मजदूर संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह साबरा ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हुई है। हमें नहीं लगता कि हम आज भी किसी समाधान तक पहुंचेंगे। तीन कृषि कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए।
- सरकार और किसानों की वार्ता पर वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि- हमें उम्मीद है कि किसानों से बातचीत निर्णायक होगी। एमएसपी सहित सभी मुद्दों पर खुले दिल से बात की जाएगी। मुझे उम्मीद है कि किसानों का आंदोलन आज समाप्त हो रहा है।
-गाजीपुर सीमा पर भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा कि यह जरूरी है कि देश में मजबूत विपक्ष हो, जिससे सरकार को डर हो लेकिन यहां वे नहीं हैं। इसी कारण किसानों को सड़कों पर आना पड़ा। विपक्ष को खेत में, सड़कों पर खड़े टेंट और स्टेज पर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए।