राज्यपाल राम नाइक ने भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम को सम्मानित किया
लखनऊ: 29 मई 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज नेशनल इण्डियन क्रिकेट फेडरेशन फाॅर डिसएबिल्ड (आई0सी0एफ0डी0) के खिलाड़ियों को राजभवन में सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि गत माह अप्रैल में भारत और बांग्लादेश के बीच तीन मैचों की दिव्यांग क्रिकेट मैच सीरीज ढाका में हुई थी जिसमें भारत की टीम सीरीज जीतकर आयी है। राज्यपाल ने फेडरेशन की ओर से टीम के सभी खिलाड़ियों को प्रशस्ति पत्र दिया। राज्यपाल ने अपनी ओर से टीम के सभी खिलाड़ियों को रूपये ग्यारह-ग्यारह सौ नगद पुरस्कार दिया तथा रूपये पन्द्रह-पन्द्रह सौ कोच और प्रबंधक को देकर उनका उत्साहवर्धन किया।
राज्यपाल ने बड़ी भावुकता से अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि ‘राजभवन में कोई ऐसा बजट नहीं है। भारत की दिव्यांग क्रिकेट टीम बांग्लादेश से पहली बार जीतकर आयी है। फूल नहीं तो फूल की पंखुड़ी ही सही। छोटी सी रकम है, मेरी तरफ से छोटा सा नज़राना है। विश्वास करता हूँ कि भारत की टीम फिर जीतकर आयेगी और हम फिर स्वागत करेंगे। आपने भारत का नाम ऊंचा किया है और आगे फिर जीतने की जिम्मेदारी आपकी है। यही पूरे देश की आपसे अपेक्षा है।’
श्री नाईक ने दिव्यांग खिलाड़ियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि दिव्यांगजन समाज के महत्वपूर्ण अंग हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांग शब्द देकर सम्मान दिलाने का काम किया है। शारीरिक अक्षमता के बावजूद भी सबमें प्रतिभा होती है। प्रतिभा में कोई अंतर नहीं होता है। शरीर के एक हिस्से में यदि कोई कमजोरी होती है तो उस व्यक्ति में कोई विशेषता भी होती है। प्रबल इच्छाशक्ति से सफलता मिलती है। निराशा नहीं हिम्मत से काम लें। समाज दिव्यांगजनों के प्रति सोच बदलें और सोच के आधार पर काम करें। केन्द्र एवं राज्य सरकार दिव्यांगजनों के विकास के लिये अनेक योजनाएं चला रही हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल इण्डियन क्रिकेट फेडरेशन फाॅर डिसएबिल्ड सरकारी योजनाओं को दिव्यांगों तक पहुंचाने के लिये सेतु का काम करें।
राज्यपाल ने कहा कि खेलने वाला हर व्यक्ति जीतने की कोशिश करता है पर जीत एक की ही होती है। सदैव जीतने के लिये खेलें। पराजय मिले तो अगले मुकाबले की तैयारी करें। उन्होंने सूरदास व अन्य दिव्यांग महापुरूषों को उद्धृत करते हुये कहा कि मजबूत इच्छाशक्ति से सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा डाॅ0 शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का संचालन किया जा रहा है जहाँ सामान्य एवं दिव्यांग छात्र-छात्रायें एक साथ शिक्षा ग्रहण करते हैं, जिससे एक-दूसरे को प्रेरणा मिलती है। उन्होंने ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ का मर्म समझाते हुये कहा कि जीवन में हौसले के साथ निरन्तर आगे बढ़ने से सफलता प्राप्त होती है।
इस अवसर पर फेडरेशन के अध्यक्ष टी0राम0, उपाध्यक्ष एच0के0 तिवारी, सचिव डाॅ0 ए0डब्ल्यू0 सिद्दीकी सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।