भारत-पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर खुलने पर पंजाब में सियासी 'क्रेडिट वार' शुरू
भारत-पाकिस्तान के बीच दोबारा खुलने जा रहे करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पंजाब में सियासी 'क्रेडिट वार' शुरू हो गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस कॉरिडोर को दोबारा खोले जाने के ऐलान के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि, "इस बारे में मैंने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्हें पत्र भी लिखा था, जिसका फल अब मिला है।" मुख्यमंत्री चन्नी ने कॉरिडोर खोलने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद भी किया।मुख्यमंत्री ने यह घोषणा भी की है कि करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलने के बाद पहले प्रतिनिधिमंडल के एक हिस्से के रूप में पंजाब का पूरा मंत्रिमंडल 18 नवंबर को श्री करतारपुर साहिब में मत्था टेकेगा। सीएमओ की ओर से बताया गया कि, पंजाब के सीएम सीएस चन्नी 18 नवंबर को मत्था टेकने वाले पहले जत्थे का हिस्सा होंगे। चन्नी ने स्वयं कहा कि, यह खुशी का क्षण है कि करतारपुर कॉरिडोर फिर से खुल रहा है। उन्होंने कहा कि, इससे सिख समुदाय का भला हुआ है।
पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिद्धू और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने भी कॉरिडोर खुलने की खबरों पर खुशी जताई। साथ ही उन्होंने इसके लिए अपनी-अपनी भूमिका भी बताई। बताया जा रहा है कि, अमरिंदर ने 16 नवंबर की सुबह ही कॉरिडोर खुलने की खबरों के बीच केंद्र से इसे लेकर मांग की थी। वहीं, अमरिंदर की अब किसान आंदोलन को खत्म करवाने में भूमिका पर सबकी नजर लगी है।