ओ पनीरसेल्वम का इस्तीफा मंजूर, शशिकला होंगी मुख्यमंत्री…
चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने रविवार को ‘निजी कारणों’ का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दिया जिसके बाद तमिलनाडु के राज्यपाल ने सोमवार को उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए पनीरसेल्वम और उनकी मंत्रिपरिषद से वैकल्पिक व्यवस्था होने तक कार्यभार संभालने को कहा है। बता दें कि इस्तीफे के बाद वी के शशिकला को सत्ता सौंपने के लिए मंच तैयार कर दिया गाया है। तकरीबन तीन दशक तक जयललिता के बेहद करीब रहीं वी के शशिकला को रविवार को अन्नाद्रमुक विधायक दल ने अपना नेता चुन लिया और इस तरह उनका तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया। शशिकला एक माह पहले पार्टी की महासचिव बनी थीं। शशिकला के मंगलवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की उम्मीद है। वह दो माह के भीतर राज्य की तीसरी मुख्यमंत्री होंगी। यानी तमिलनाडु में ‘अम्मा’ के बाद अब वीके शशिकला उर्फ ‘चिनम्मा’ मुख्यमंत्री बनेंगी। शशिकला के मंगलवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की उम्मीद है। वह दो माह के भीतर राज्य की तीसरी मुख्यमंत्री होंगी। बता दें किपनीरसेल्वम को जे जयललिता के निधन के कुछ घंटे के भीतर पांच दिसंबर की रात को मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। उन्होंने पार्टी मुख्यालय में हुई अन्नाद्रमुक विधायकों की बैठक में विधायक दल के नेता पद के लिये शशिकला के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। जिसके साथ ही उनके पनीरसेल्वम से शासन की बागडोर संभालने का मार्ग प्रशस्त हो गया। ‘चिन्नम्मा’ शशिकला ज्यों ही पार्टी मुख्यालय पहुंची पनीरसेल्वम और वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने उनका स्वागत किया। शशिकला ने नेता चुने जाने पर अपने भाषण में विधायकों से कहा कि जयललिता की मृत्यु के बाद सबसे पहले पनीरसेल्वम ने ही मुझे मुख्यमंत्री और महासचिव बनने के लिये राजी किया। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम से हमारे राजनीतिक विरोधियों की यह उम्मीद चकनाचूर हो गई कि अम्मा (जयललिता) की मृत्यु के बाद पार्टी में दरार आ जाएगी। शशिकला ने पेनीरसेल्वम की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब भी पार्टी कठिन वक्त से गुजरी और जब कभी भी अम्मा के मुख्यमंत्री बनने में दिक्कतें आई तब हमारे प्यारे भाई पनीरसेल्वम ही थे जो वफादार बने रहे।