हथियारों और सुरक्षा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनने के प्रयास में जुटा "भारत"

By Tatkaal Khabar / 09-01-2023 03:35:59 am | 5267 Views | 0 Comments
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फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के राजनयिक सलाहकार इमैनुएल बॉन 36वीं भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता में फ्रांस की ओर से बतौर प्रतिनिधि शामिल हुए। वहीं भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बैठक का नेतृत्व किया। इसके अलावा इमैनुएल बॉन ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की। यात्रा के दौरान इमैनुएल बॉन विदेश मंत्री एसo जयशंकर से भी मिले और कई ख़ास मुद्दों पर चर्चा की। मुलाकात के बाद विदेश मंत्री एसo जयशंकर ने ट्वीट किया कि फ्रांस के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार इमैनुएल से मिलकर खुशी हुई। दोने ने पारस्परिक हित के वर्तमान मुद्दों पर विचारों का उपयोगी आदान-प्रदान भी किया। इमैनुएल बॉन से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल इमैनुएल बॉन के साथ सुरक्षा से लेकर संस्कृति तक, कई मुद्दों पर बातचीत हुई। मुझे खुशी है कि हमारी रणनीतिक साझेदारी मजबूत हो रही है। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने भारत और फ्रांस के बीच रक्षा, सुरक्षा और भारत-प्रशांत सहित उनकी रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने भारत की जी20 अध्यक्षता में फ्रांस के समर्थन का स्वागत भी किया। बैठक में प्रधान मंत्री मोदी ने बाली में राष्ट्रपति मैक्रों के साथ अपनी हाल की मुलाकात को बड़े प्यार से याद किया और राष्ट्रपति मैक्रों को भारत आने का निमंत्रण दिया। इस पर इमैनुएल ने कहा कि राष्ट्रपति मैक्रों अपनी शीघ्र भारत यात्रा को लेकर आशान्वित हैं। विदेश मंत्रालय का कहना है कि 36वीं भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता में भारत और फ्रांस ने रणनीतिक और रक्षा क्षेत्र में अपनी साझेदारी और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई है फ्रांस भारत की "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" की पहल को ध्यान में रखते हुए एयरक्राफ्ट इंजन और लंबी दूरी वाली सबमरीन निर्माण में सहयोग देगा। गौरतलब है कि भारत हथियारों और अन्य सुरक्षा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनने के प्रयास में जुटा हुआ है। भारत की इस कोशिश में फ्रांस एक प्रमुख सहयोगी बनकर उभर रहा है। एयरक्राफ्ट इंजन निर्माण के लिए भारत न सिर्फ 100 फीसदी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर चाहता है बल्कि भारत की योजना भविष्य की लड़ाइयों और ट्रांसपोर्ट को ध्यान में रखते हुए अगली पीढ़ी के उच्च क्षमता वाले मिलिट्री और सिविलियन इंजन विकसित करना भी है।