भारत में अब नहीं होगी 250 साल तक ऊर्जा की कमी, जानिए क्यों

By Tatkaal Khabar / 28-06-2018 07:18:20 am | 9350 Views | 0 Comments
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए चांद के दक्षिणी सिरे पर हीलियम-3 के खनन संबंधी संभावना तलाशने जा रहा है। दुनियाभर के निजी और कई सार्वजनिक अंतरिक्ष संगठन भी चांद पर खनन के लेकर दिलचस्पी दिखा रहे हैं, जो एक उपयुक्त रिएक्टर बनने तक हीलियम-3 और चांद पर मौजूद पानी के भंडारण के लिए खनन संबधी संभावना तलाश रहे हैं।Image result for      -3  इसरो अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉक्टर के. सिवन का कहना है कि जिस किसी भी देश में चांद से इस स्रोत को लाने की क्षमता होगी वे ही इस प्रक्रिया पर अपना वर्चस्व कायम रख सकेंगे।Image result for ISROउन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि भारत इस प्रक्रिया का हिस्सा ही न हो बल्कि इसका नेतृत्व भी करे, हम पूरी तरह से इस मिशन के लिए तैयार हैं। इसरो अक्टूबर में एक रोवर और जांच (प्रोब) मिशन लॉन्च करेगा जो चांद की अछूती सतह पर मिट्टी और पानी के नमूनों को एकत्र करेगा, फिर इसे विस्तृत विश्लेषण और अनुसंधान के लिए वापस लाया जाएगा। भारत का यह मिशन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के इसी तरह के चलाए जा रहे अभियान से काफी किफायती है जिसमें लगभग 800 करोड़ की लागत आएगी।