SC ने कहा, पुरुषों की तरह महिलाएं भी मंदिर में कर सकती हैं पूजा
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर जारी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिपण्णी की है। महिलाओं के समर्थन में कोर्ट ने कहा है कि पुरुषों की तरह महिलाओं को भी मंदिर में प्रवेश और पूजा करने का अधिकार है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा, 'संविधान में पूजा करने का अधिकार जितना पुरुषों को मिला है उतना ही महिलाओं को। मंदिर कोई व्यक्तिगत संपदा नहीं है। जो जगह सार्वजनिक है वहां किसी शख्स को जाने से नहीं रोक सकते हैं।'
वहीं चीफ जस्टिस ने मंदिर प्राधिकरण को संबोधित करते हुए कहा, 'आप किस आधार पर महिलाओं को पूजा करने से रोकते हैं। यह काम संवैधानिक जनादेश के खिलाफ है। अगर आपने इसे एक बार लोगों के लिए खोल दिया तो कोई भी जा सकता है।'
पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ कर रहा था। बता दें कि मंदिर में 10 साल से लेकर 50 साल तक के महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।
केरल के पत्थनमथिट्टा जिले में पश्चिमी घाट की एक पहाड़ी पर सबरीमाला मंदिर है। महिलाओं के प्रवेश को लेकर इसके प्रबंधन का कहना है कि रजस्वला होने की वजह से 10 से 50 आयु वर्ग की महिलाएं अपनी व्यक्तिगत शुद्धता बनाये नहीं रख सकती हैं, यही कारण है कि इस वर्ग की महिलाओं का प्रवेश मंदिर में वर्जित है।