यूपी विधानसभा सत्र : सपा सदस्य अतुल प्रधान को मार्शल ने सदन से निकाला, पूरे सत्र के लिए निष्कासित
उत्तर प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को जोरदार हंगामा हुआ। आक्रामक तेवर पर सपा के अतुल प्रधान को पूरे सत्र के लिए निष्कासित कर दिया गया। विधानसभा में अध्यक्ष के आदेश पर समाजवादी पार्टी के सदस्य अतुल प्रधान को सदन से निकाला गया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को जोरदार हंगामा हुआ। आक्रामक तेवर पर सपा के अतुल प्रधान को पूरे सत्र के लिए निष्कासित कर दिया गया। विधानसभा में अध्यक्ष के आदेश पर समाजवादी पार्टी के सदस्य अतुल प्रधान को सदन से निकाला गया। अतुल प्रधान को मार्शल बाहर ले गए। वहीं, सदन में विपक्ष का वेल में हंगामा जारी रहा।
विधानसभा में सपा विधायक अतुल प्रधान के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में हंगामा किया। इस दौरान विपक्ष ने सदन में नारेबाजी भी की।
सपा के वरिष्ठ सदस्य दुर्गा प्रसाद यादव के प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के सवाल के जवाब में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा सदस्यों पर सदन को गुमराह किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इमरजेंसी सुविधाएं नहीं होती हैं। इस दौरान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और सपा सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इस नोंकझोक के चलते पहले सपा सदस्यों ने उप मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पहले वॉक आउट किया। फिर, सपा सदस्य एक-एक करके वेल में आए और डिप्टी सीएम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए।
सपा सदस्यों के आचरण पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आपत्ति दर्ज कराई। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सपा सदस्यों के आचरण को अशोभनीय बताया। उन्होंने सपा सदस्य अतुल प्रधान के आचरण को अशोभनीय बताते हुए पहले सदन से बाहर जाने को कहा। फिर विधानसभा के सुरक्षाकर्मियों से उन्हें जबरन निकलवा दिया। इसी के साथ सदन की कार्यवाही पहले 30 मिनट के लिए फिर 10-10 मिनट के लिए दो बार और 15 मिनट के लिए एक बार स्थगित की गई। इससे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अतुल प्रधान के आचरण को लेकर उनकी सदस्यता समाप्त किए जाने की भी बात कही।
सदन में शोर-शराबे और हंगामे के बीच ही डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं पहले से बेहतर हुई हैं। सपा के सदस्य आंख बंद करके किसी भी नोटिस पर हस्ताक्षर कर देते हैं और यहां गला साफ करने के लिए बिना किसी तैयारी के लिए कुछ भी बोल देते हैं।
स्थगन समाप्त होने के बाद जैसे ही सदन व्यवस्थित हुआ, सपा के सदस्य फिर धरने पर बैठे रहे। इस बीच सपा के वरिष्ठ सदस्य महबूब अली,संग्राम सिंह यादव तथा नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि हम लोग सत्तापक्ष की आरती उतारने नहीं आए हैं। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि विपक्ष को भी सदन में अपना आचरण मर्यादित रखना चाहिए। जबकि, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि उनकी मंशा सदन में किसी सदस्य की अवमानना करना नहीं है। विपक्ष के सदस्य जो भी आचरण करते हैं, वह केवल समाचार पत्रों में सुर्खियों में बने रहने के लिए होता है। सपा सदस्यों के शोर-शराबे और हंगामे के बीच ही विधायी कार्य निपटाए गए।
प्रश्न काल से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने एक दिन पहले मंगलवार को सदन में सपा सदस्य के लगाए आरोपों के जवाब में कहा कि मेरे पास जाति का आधार नहीं है। मैं उस विधानसभा क्षेत्र से आता हूं, जहां मेरी जाति के केवल एक हजार वोट हैं। सभी जाति और समाज ने मेरा साथ दिया है। मैंने सदन की गरिमा बढ़ाने के लिए हमेशा प्रयास किया है। जवानी से लेकर आज तक मैंने अपना पूरा जीवन राजनीति को समर्पित किया है। इस दौरान कई आघात और आरोप भी सहे हैं। मुझसे कमजोर कोई नहीं होगा। मेरा कोई जातीय आधार नहीं है। काम और विधायकों का विश्वास ही मेरा वास्तविक आधार है। लेकिन, यदि कोई पीठ के खिलाफ बयान देता है, तो मैं नियमानुसार कार्रवाई करूंगा।