SC – महिलाओं का खतना निजता का उल्लंघन शादी के नाम पर यह गलत…

By Tatkaal Khabar / 30-07-2018 04:52:43 am | 13678 Views | 0 Comments
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दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में महिलाओं का खतना करने की प्रथा पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की है महिलाओं की खतना सिर्फ इसलिए नहीं की जा सकती है, क्योंकि उन्हें शादी करनी है महिलाओं का जीवन केवल शादी और पति के लिए नहीं होता है. शादी के अलावा भी महिलाओं के दायित्व होते हैं. कोर्ट ने साफ कहा कि किसी महिला पर ही ये दायित्व क्यों हो कि वह अपने पति को खुश करे.कोर्ट ने महिलाओं के खतने वाली प्रथा को निजता के अधिकार का उल्लंघन माना है. साथ ही ये भी कहा है कि यह लैंगिक संवेदनशीलता का मामला है और ऐसा किया जाना स्वास्थ्य ने लिए हानिकारक हो सकता है.


दरअसल, दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में नाबालिग लड़कियों की ‘खतना प्रथा’ के खिलाफ कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं. केंद्र सरकार ने भी इन याचिकाओं का समर्थन किया है. याचिकाकर्ता की वकील इंदिरा जयसिंह ने अपनी दलील में कहा कि किसी भी आपराधिक कृत्य को इस आधार पर इजाजत नहीं दी सकती कि वह प्रैक्टिस का हिस्सा है. उन्होंने अपनी दलील में साफ कहा कि प्राइवेट पार्ट को छूना पॉस्को एक्ट के तहत अपराध है.