उ0प्र0 की बीजेपी सरकार ने एक बार फिर अनुपूरक बजट मंे किसानों के साथ मजाक किया है:कांग्रेस
लखनऊ 28 अगस्त।
उ0प्र0 की बीजेपी सरकार ने एक बार फिर अनुपूरक बजट मंे किसानों के साथ मजाक किया है, उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक गन्ना उत्पादन करने वाला राज्य है और उ0प्र0 के लगभग 50 प्रतिशत किसान गन्ने का उत्पादन करते हैं जो सम्पूर्ण देश में गन्ना उत्पादन का लगभग 41 प्रतिशत है, भारतीय जनता पार्टी ने 2017 के चुनाव में अपने संकल्प पत्र में यह वादा किया था कि उनकी सरकार बनने के 14 दिन के अन्दर गन्ना किसानों का सम्पूर्ण बकाया लगभग 12 हजार करोड़ रूपये माफ करेंगे आज सरकार के 17 महीने पूरे होने के बाद भी गन्ना किसानों का बकाया लगभग 10 हजार करोड़ से ऊपर है।
उ0प्र0 कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि आखिर क्यों भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के साथ बराबर भद्दा मजाक कर रही है, बीजेपी सरकार ने फरवरी में जो आम बजट लगभग 4लाख 28 हजार करोड़ का पेश किया था और यह जोर-शोर से प्रचार किया जा रहा था कि अब तक का सबसे बड़ा बजट हमने पेश किया है। कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि बीजेपी सरकार पिछले आम बजट पर उत्तर प्रदेश की जनता को बताये कि उन्होने उस आम बजट का कितना खर्चा किया, उ0प्र0 में कर्ज को न चुका पाने के कारण बराबर किसानों की आत्महत्या में वृद्धि हो रही है लेकिन राज्य सरकार के साथ-साथ केन्द्र सरकार भी उस पर मौन है इस सरकार ने जो पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना का ऐलान किया था और दावा किया था कि इससे किसानों की आय बढ़ेगी लेकिन आज 17 महीने बीत जाने के बाद भी हकीकत यह है कि किसानों को लेकर योजनाएं बनाने की चर्चा तो की गई वह जमीन पर दूर-दूर तक नजर नहीं आती, किसानों की कर्जमाफी को लेकर सरकार ने 36 हजार करोड़ का प्रावधान किया था जबकि हकीकत है कि आज तक लाखों पात्र किसान जो कर्जमाफी की पात्रता पूरी करते हैं उनके कर्ज को माफ नहीं किया गया वह बराबर बैंक, तहसील और जिलाधिकारी के कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं यह सरकार की किसानों के प्रति संवेदनहीनता दर्शाता है।
इस अनुपूरक बजट में गन्ना किसानों के बकाए के लिए सरकार ने एक बार फिर से वादाखिलाफी की है जितना प्रावधान किया गया है वह काफी कम है सरकार एक तरफ चीनी मिलों को तो ब्याजमुक्त ऋण देने की बात करती है और किसान कर्ज में दबकर अपनी जान दे देता है लेकिन सरकार उस पर बिल्कुल चिन्तित नहीं है।
संकल्प पत्र में बार-बार यह भी दावे किये जा रहे थे कि किसानों के लिए मण्डियों तक अपनी फसल बेचने की प्रक्रिया को सुगम बनाया जायेगा लेकिन आज भी इस पर कोई भी काम जमीन पर दिखाई नहीं देता है किसानों को बिजली उपलब्धता को लेकर सरकार ने बड़े-बड़े दावे किये थे कि हम किसानों को निर्बाध बिजली उपलब्ध करायेंगे लेकिन सच्चाई यह है कि आज भी ग्रामीण अंचलों में बिजली की व्यवस्था दयनीय है।
बुन्देलखण्ड में डिफेन्स कारीडोर जिसका अनुमानित बजट लगभग 20 हजार करोड़ है उस पर मात्र 5 सौ करोड़ देना उत्तर प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीति दर्शाता है क्योंकि सर्वप्रथम सबसे ज्यादा बजट की आवश्यकता जमीन अधिग्रहण में है इस सरकार ने समय-समय पर जमीन अधिग्रहण में किसानों को दिये जाने वाले चार गुना मुआवजा देने में नियमों की खिलाफत की है।
उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर के द्वारा अपने पद पर रहते हुए जिस तरीके से संवैधानिक गरिमा को तार-तार किया गया है यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश है। अपने पद पर रहते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राजनैतिक लाभ वाले पद की मांग करना पूरी तरह से संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है उल्लंघन के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोई कार्यवाही न करना यह दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा ऐसे अफसरों को प्रश्रय दिया जा रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जबसे उत्तर प्रदेश में बनी है उत्तर प्रदेश में अफसरशाही का राजनीतिकरण चरम है यही कारण है कि अफसरशाही बेलगाम हो गयी है जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और वरिष्ठ अफसर अपने दायित्वों का निर्वहन न करके सरकार और भारतीय जनता पार्टी की चापलूसी करने में व्यस्त हैं।
कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि ऐसे अफसर जो अपने पद पर रहते हुए एक पार्टी के प्रति भक्ति प्रदर्शित कर रहे हैं उन्हें तत्काल सेवा से बर्खास्त किया जाय ताकि उत्तर प्रदेश के किसी भी आम जन के खिलाफ पक्षपात न हो सके।