सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुले सबरीमाला मंदिर के दरवाजे...

By Tatkaal Khabar / 28-09-2018 07:51:35 am | 9203 Views | 0 Comments
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महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि अब महिलाएं ये तय कर सकती हैं कि वो जाना चाहती हैं या नहीं. पहले ये धर्म के नाम पर उनपर थोपा गया था. अगर बात समानता और धर्म के अधिकार की आती है, तो समानता की जीत होनी चाहिए.केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए सबरीमाला मंदिर के दरवाजे हर उम्र की महिलाओं के लिए खोल दिए हैं.सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय जजों की बेंच ने कहा है कि महिलाओं को पूजा न करने देना उनके मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है. कोर्ट ने ये भी कहा कि धार्मिक अधिकार लिंग देखकर तय नहीं किए जाने चाहिए.फैसले पर लोगों ने खुशी जताई है लेकिन त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड के अध्यक्ष एम पद्मकुमार ने कहा है कि वो इसके खिलाफ रिव्यू पेटीशन डालेंगे.बता दें कि फिलहाल 10 से लेकर 50 साल की उम्र तक की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं है. वहीं इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन और अन्य ने इस प्रथा को चुनौती दी है. उन्होंने कहा है कि यह प्रथा लैंगिक आधार पर भेदभाव कर रही है. इसे खत्म करने की मांग की गई है. याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि यह संवैधानिक समानता के अधिकार में भेदभाव है. एसोसिएशन के अनुसार मंदिर में प्रवेश के लिए 41 दिन से ब्रहचर्य की शर्त नहीं लगाई जा सकती क्योंकि महिलाओं के लिए यह बिल्कुल असंभव है.