राज्यपाल राम नाईक ने आई0टी0 कालेज में आयोजित संगोष्ठी का उद्घाटन किया

By Tatkaal Khabar / 01-11-2018 03:46:43 am | 8266 Views | 0 Comments
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लखनऊ 1 नवम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद - भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान केन्द्र के 53वें वार्षिक दिवस समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले संस्थान के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में  श्यामल, श्रीमती सुमित्रा दीक्षित, श्री डी0 उपाध्याय, श्री उमेश चन्द्रा,  विकास बरूआ, श्री अनुज दीप, श्री गंगा प्रसाद, श्री शीतला शंकर शुक्ल व श्री अनूप कुमार थे। इस अवसर पर ओनीर जल के लिये डाॅ0 आलोक धवन व उनके सहयोगियों को भी सम्मानित किया गया।
समारोह में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री हेमन्त राव, डाॅ0 आलोक धवन संस्थान के निदेशक, प्रो0 आर0के0 खण्डाल, डाॅ0 डी0कार0 चैधरी, डाॅ0 अनुराग अग्रवाल, डाॅ0 के0सी0 खुल्बे सहित संस्थान के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर संस्थान के वार्षिक प्रतिवेदन, शोध पत्रों का संकलन, पर्यावरण प्रतिवेदन, समाचार पत्रों में सी0एस0आई0आर0- आई0आई0टी0आर0 तथा संस्थान के संस्थापक डाॅ0 एस0एच0 जैदी की जन्मशती पर एक पुस्तक का लोकार्पण भी किया। 
राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि किसी भी व्यक्ति या संस्था के लिये उसके वर्धापन या स्थापना दिवस का महत्व होता है। 53 वर्ष की यात्रा गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि 53 वर्ष की यात्रा सिंहावलोकन का भी समय है। देश में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि संस्थान केन्द्र सरकार की योजनाओं को व्यवहारिक रूप से सफल बनाने के लिये अनुसंधान कर रहा है। 
श्री नाईक ने कहा कि आज का महत्वपूर्ण सवाल किसानों से जुड़ा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय को दोगुना करने की बात कही है। हमारे वैज्ञानिक किसानों के व्यवसाय को बढ़ाने और आय को दोगुना करने के लिये गंभीरता से विचार करें। खेती के लिये उपयोग किये गये रसायनिक उर्वरक का खेती की जमीन पर प्रतिकूल असर होता है। ऐसे अनुसंधान के लिये यह एक चुनौती है कि प्राकृतिक खेती और जैविक खेती को कैसे बढ़ाया जाये। 
राज्यपाल ने कहा कि आजादी के बाद निःसन्देह देश खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ है। 1965 में हिन्दुस्तान-पाकिस्तान युद्ध के समय खाद्यान्न की कमी के कारण प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा दिया था। 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री रहते हुये परमाणु परीक्षण किया जिससे विकसित देशों ने भारत की आर्थिक सहायता पर प्रतिबंध लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आर्थिक प्रतिबंध से दबे नहीं बल्कि उन्होंने ‘जय विज्ञान’ का नया नारा देश को दिया।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डाॅ0 आलोक धवन ने संस्थान के इतिहास और वर्तमान की प्रगति पर विस्तृत प्रकाश डाला।