यासीन मलिक की हिरासत बढ़ी, महबूबा की परेशानी बढ़ी

By Tatkaal Khabar / 24-04-2019 01:02:11 am | 9670 Views | 0 Comments
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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक को 24 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। तिहाड़ जेल अधिकारियों ने सुरक्षा चिंताओं के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मलिक को पेश करने का निर्देश देने की मांग की है। कोर्ट ने इस पर बचाव पक्ष के वकील से जवाब मांगा है।
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उधर, सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने यासीन मलिक के गिरते स्वास्थ्य के मद्देनजर एक बार फिर उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा करने की अपील की है। इसके अलावा महबूबा ने जमात-ए-इस्लामी के अन्य सदस्यों को भी रिहा करने की मांग की है।
बता दें कि अलगाववादियों और आतंकी संगठनों को वित्तीय मदद मुहैया कराने संबंधी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए मलिक ने 19 अप्रैल को सीने में दर्द की शिकायत की थी। उन्हें मेडिकल जांच के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल भेजा गया और नियमित जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें छुट्टी दे दी। उसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं।
साध्वी का उदाहरण देकर रिहाई की मांग
उधर, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने पिछले दिनों भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का उदाहरण देते हुए अब मलिक की रिहाई की मांग की। महबूबा ने बुधवार को एक बार फिर इस मांग को दुहराते हुए कहा, ‘यासीन मलिक सचमुच बीमार हैं और ऐसे में उन्हें जल्द रिहा कर देना चााहिए। जमात-ए-इस्लामी के अन्य सदस्यों को भी रिहा करना चाहिए। साध्वी प्रज्ञा जिन पर कई गंभीर आरोप हैं, उन्हें मुक्त कर दिया गया है।’
उमर अब्दुल्ला ने भी की रिहाई की मांग
बता दें कि पिछले दिनों उमर अब्दुल्ला ने भी रिहाई की मांग करते हुए कहा था कि मलिक को एम्स या किसी अन्य उपयुक्त अस्पताल भेजना चाहिए ताकि वहां डॉक्टर उनकी सेहत को ठीक कर सकें। अब्दुल्ला ने फेसबुक पर लिखा था, ‘एनआईए जांच कर रही है इसलिए उन्हें समुचित स्वास्थ्य सुविधा देने से या उनके परिवार को उनसे मिलने देने से इंकार नहीं किया जा सकता। अगर आंतकी मामले में आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को स्वास्थ्य आधार पर जमानत दी जा सकती है तो यासीन मलिक से अलग बर्ताव क्यों किया जा रहा?’