देश के नाम PM मोदी का सम्बोधन..PM ने कहा; सभी देश वासियों से कुछ मांगने आया हूँ 'जनता कर्फ्यू' यानी जनता के लिए जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू
कोरोना वायरस को लेकर दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है. भारत में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. वहीं हिंदुस्तान में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या भी बढ़कर 4 हो चुकी है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के मुद्दे पर देश को किया संबोधित
प्यारे देश वासी हमारा खुद का स्वस्थ रहना सबसे बड़ी आवश्यकता है संयम बनाए रखें घर से बाहर निकलने से बचना हमारा संकल्प और संयम बीमारी से लड़ा जाएगा सरकार की दिशा निर्देश का सब लोग पालन करें विश्व इस समय संकट के दौर से गुजर रहा है
पहला-आज मैं प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं यह है 'जनता कर्फ्यू' जनता कर्फ्यू यानी जनता के लिए जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू इस रविवार यानी 2 दिन के बाद 22 मार्च को रविवार को सुबह 7:00 बजे से रात 9:00 बजे तक सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना है
कोरोना वायरस के देश में लगातार बढ़ रहे पॉजिटिव मामले
कोरोना वायरस के अब तक भारत में 181 मामले आए सामने
कोरोना वायरस से भारत में अब तक 4 मरीजों की मौत
देश में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की लैंडिंग पर 22 मार्च से रोक
‘साथियो! इस तरह की वैश्विक महामारी में एक ही मंत्र काम करता है। हम स्वस्थ, तो जगत स्वस्थ। ऐसी स्थिति में जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तब हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना पहली आवश्यकता है। इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए दूसरी अनिवार्यता है संयम। और संयम का तरीका क्या है? भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना, आजकल जिसे सोशल डिस्टेंसिंग कहा जा रहा है। कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में सोशल डिस्टेंसिंग ज्यादा आवश्यक और कारगर है। हमारा संकल्प और संयम इस वैश्विक महामारी को कम करने में बड़ी भूमिका निभाने वाला है। अगर आप को लगता है कि आप ठीक हैं आपको कुछ नहीं होगा। आप ऐसे ही मार्केट में सड़कों पर जाते रहेंगे तो कोरोना से बचे रहेंगे तो ये सोच नहीं है। ऐसा करके आप अपने और अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे। मेरा देशवासियों से आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक जब बहुत जरूरी हो, तभी अपने घर से बाहर निकलें। चाहे काम ऑफिस, बिजनेस से जुड़ा हो, वह काम घर से ही करें। जो सरकारी सेवाओं में हैं, अस्पताल से जुड़े हैं, मीडियाकर्मी हैं, जनप्रतिनिधि हैं, उनकी सक्रियता तो आवश्यक है। लेकिन समाज के सभी लोगों को बाकी भीड़भाड़ से बाकी समारोहों से आइसोलेट करना चाहिए।’’
60-65 साल से ज्यादा आयु वाले कुछ हफ्ते आइसोेलेट रहें
‘‘एक और आग्रह है, परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन हैं जो 60-65 साल से ज्यादा आयु वाले हैं, वो आने वाले कुछ हफ्ते आइसोेलेट रहें और घर से बाहर न निकलें। हो सकता है कि वर्तमान पीढ़ी पुरानी सोच से वाकिफ नहीं होगी। जब मैं छोटा था, तब जब युद्ध की स्थिति थी तब गांव-गांव ब्लैकआउट होता था। शीशों पर भी कागज लगा दिए जाते थे। लाइटें बंद होती थीं। लोग रातभर चौकसी करते थे। युद्ध न हो, तब भी साल में एक-दो बार नगर पालिकाएं ब्लैकआउट का ड्रिल करवाती थीं। लोगों की आदत बनी रहें, इसके लिए प्रयास करती थीं। इसलिए मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है- जनता कर्फ्यू। यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। इस रविवार यानी दो दिन के बाद 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना है। इस जनता कर्फ्यू के दरमियान कोई भी नागरिक घरों से बाहर न निकले, न सड़क पर जाए, न सोसाइटी-मोहल्ले में इकट्ठे हों। वे अपने घरों में ही रहें। आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को तो जाना ही होगा। लेकिन नागरिक के नाते हम ऐसा न करें। 22 मार्च को हमारा यह प्रयास हमारे आत्मसंयम और देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का मजबूत प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की सफलता और इसके अनुभव हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे। मैं देश की सभी राज्य सरकारों से भी आग्रह करूंगा कि वे जनता कर्फ्यू का पालन कराने का प्रयत्न करें।’’
जनता कर्फ्यू का संदेश लोगों तक पहुंचाएं और उन्हें जागरुक करें
‘‘सभी संगठनों से अनुरोध करूंगा कि अभी से लेकर रविवार तक इस जनता कर्फ्यू का संदेश लोगों तक पहुंचाएं और उन्हें जागरुक करें। आप ये भी कर सकते हैं कि हर दिन 10 नए लोगों को फोन करके इस वैश्विक महामारी और जनता कर्फ्यू की बात लोगों को बताएं और समझाएं। यह जनता कर्फ्यू हमारे लिए एक कसौटी की तरह होगा। यह कोरोना जैसी लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, यह देखने-परखने का भी प्रयास होगा। 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं। साथियो! पिछले दो महीनों से लाखों लोग अस्पतालों, एयरपोर्ट, दफ्तरों, शहर की गलियों में दिन-रात काम में जुटे हैं। चाहे डॉक्टर हों, नर्स हों, हॉस्पिटल का स्टाफ हो, सफाई करने वाले भाई-बहन हों, मीडियाकर्मी हों, पुलिसकर्मी हों, ट्रांसपोर्ट वाले हों, होम डिलिवरी करने वाले हों, ये लोग अपनी परवाह न करते हुए दूसरों की सेवा में लगे हैं। आज की परिस्थितियां देखें तो ये सेवाएं सामान्य नहीं कही जा सकतीं। आज भी ये खुद के संक्रमित होने का खतरा मोल ले रहे हैं, फिर भी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। ये अपने आप में राष्ट्र रक्षक की तरह कोरोना महामारी और हमारे बीच में शक्ति बनकर खड़े हैं। देश ऐसे सभी छोटे-बड़े व्यक्तियों और संगठनों का कृतज्ञ है।'' ‘‘मैं चाहता हूं कि 22 मार्च को ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें। यह तरीका भी सभी को जोड़ सकता है। जनता कर्फ्यू के दिन शाम 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर या बालकनी या खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें। इसके लिए ताली बजाकर, थाली बजाकर, घंटी बजाकर हम उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें, उनका हौसला बढ़ाएं और उन्हें सैल्यूट करें। पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी आग्रह है कि 22 मार्च को शाम 5 बजे सायरन से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं। सेवा परमोधर्म: को मानने वाले ऐसे देशवासियों के लिए हमें अपनी पूरी श्रद्धा के साथ भाव व्यक्त करने चाहिए।’’
फिर एक बार मैं आग्रह करूंगा जनता कर्फ्यू के लिए सेवा करने वालों का धन्यवाद करने के लिए आपको भी बहुत-बहुत धन्यवाद