कोरोना संकट : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बड़ा एलान : राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सभी मंत्री और सांसद एक साल तक 30 फीसदी वेतन नहीं लेंगे
देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग का ऐलान कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बड़ा फैसला लिया है. मोदी सरकार ने सभी सांसदों के वेतन में 30 फ़ीसदी की कटौती कर दी है. ऐसा पहली बार हुआ है कि केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन में कटौती का फैसला लिया हो. इतना ही नहीं सांसदों के अलावे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के साथ-साथ राज्यपाल भी 1 साल तक अपनी सैलरी 30 फ़ीसदी कम लेंगे.
कोरोना वायरस से उपजे संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके सभी मंत्रियों और सभी दलों के सांसदों ने एक साल तक अपने वेतन का 30 फीसदी हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है. खबरों के मुताबिक कैबिनेट ने सोमवार को इस संबंध में एक अध्यादेश जारी किया. इसके साथ ही राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और राज्यपालों ने भी अपने वेतन में 30 फीसदी की कटौती करने की पेशकश की है. कैबिनेट ने दो साल के लिए सांसद निधि को निलंबित रखने का फैसला भी किया है. इसके मद में जाने वाली 7900 करोड़ रु की रकम अब कंसॉलिडेटेड फंड्स ऑफ इंडिया यानी संचित निधि में जाएगी. सरकार को प्राप्त राजस्व, बाजार से लिए गए ऋण और स्वीकृत ऋणों पर प्राप्त ब्याज इसी निधि में जाता है.
खबरों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 4405 हो गई है. अब तक इस वायरस के संक्रमण से 132 मौतें हो चुकी हैं. उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना वायरस से उपजी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए भारत के अब तक के प्रयासों ने दुनिया के सामने एक अलग ही उदाहरण प्रस्तुत किया है. उनके मुताबिक भारत दुनिया के उन देशों में से है जिसने कोरोना वायरस की गंभीरता को समझा और इसके खिलाफ एक व्यापक जंग की शुरुआत की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भारत ने एक के बाद एक निर्णय किए. उन फैसलों को जमीन पर उतराने का भरसक प्रयास किया. हर स्तर पर एक के बाद एक प्रोएक्टिव होकर भारत ने कई फैसले लिए.’
मोदी कैबिनेट की आज हुई बैठक में 2 बड़े फैसले लिए गए हैं. देश के सभी सांसदों की सैलरी 1 साल तक के लिए 30 फ़ीसदी कम कर दी गई है. इसके साथ ही सरकार ने 2 साल के लिए एमपीलैड फंड को भी खत्म कर दिया है. फंड का इस्तेमाल अब सरकार कोरोनावायरस से निपटने के लिए करेगी. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों ने ये बड़ा फैसला स्वैच्छिक रूप से खुद लिया है.
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एक साल तक सभी सांसदों की सैलरी में 30 फीसदी की कटौती करने का फैसला किया है. सांसदों की इस सैलरी का इस्तेमाल कोरोना वायरस से लड़ने के लिए किया जाएगा.