मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी : दोस्ती निभाना जानते हैं तो आंख में आंख डालकर जवाब देना भी आता है

By Tatkaal Khabar / 28-06-2020 02:21:57 am | 14877 Views | 0 Comments
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात (pm modi mann ki baat) के जरिए 28 जून की सुबह देश को संबोधित किया। मोदी ने अपने सम्बोधन में लद्दाख की गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत, भारत में कोरोना का विकराल होता स्वरूप और देश में मॉनसून समेत कई मुद्दों पर अपनी बात कही। मोदी ने कहा कि इन सबके बीच, हमारे कुछ पड़ोसियों द्वारा जो हो रहा है, देश उन चुनौतियों से भी निपट रहा है। वाकई, एक-साथ इनती आपदाएं, इस स्तर की आपदाएं, बहुत कम ही देखने-सुनने को मिलती हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 66वीं बार मन की बात से देश को संबोधित किया
मोदी ने लद्दाख संकट पर बात की, कहा कि भारत की तरफ देखने का मिला चीन को करारा जवाब
मोदी ने कोरोना संकट पर कहा कि अनलॉक में देशवासियों को सावधानी बरतनी होगी
मोदी ने कहा कि इसबार मॉनसून कोरोना काल में आया है, ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत

शहीदों के परिजनों का त्याग पूजनीय

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के रहने वाले शहीद कुंदन कुमार के पिताजी के शब्द तो कानों में गूंज रहे हैं। वो कह रहे थे, अपने पोतों को भी, देश की रक्षा के लिए, सेना में भेजूंगा। यही हौंसला हर शहीद के परिवार का है। वास्तव में, इन परिजनों का त्याग पूजनीय है। भारत-माता की रक्षा के जिस संकल्प से हमारे जवानों ने बलिदान दिया है, उसी संकल्प को हमें भी जीवन का ध्येय बनाना है, हर देश-वासी को बनाना है। हमारा हर प्रयास इसी दिशा में होना चाहिए, जिससे, सीमाओं की रक्षा के लिए देश की ताकत बढ़े, देश और अधिक सक्षम बने, देश आत्मनिर्भर बने - यही हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी।

पीएम मोदी ने कहा कि लद्दाख में भारत की भूमि पर, आंख उठाकर देखने वालों को, करारा जवाब मिला है। भारत, मित्रता निभाना जानता है, तो, आंख-में-आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है। लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नत-मस्तक है। इन साथियों के परिवारों की तरह ही, हर भारतीय, इन्हें खोने का दर्द भी अनुभव कर रहा है।


 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने जिस तरह मुश्किल समय में दुनिया की मदद की, उसने आज शांति और विकास में भारत की भूमिका को और मज़बूत किया है। दुनिया ने भारत की विश्व बंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है। अपनी संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने के लिए भारत की ताकत और भारत के कमिटमेंट को देखा है।

सतर्कता बरतें

प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन से ज्यादा सतर्कता हमें अनलॉक के दौरान बरतनी है। पीएम बोले इस बात को हमेशा याद रखिए कि अगर आप मास्क नहीं पहनते हैं, दो गज की दूरी का पालन नहीं करते हैं, या फिर, दूसरी जरूरी सावधानियां नहीं बरतते हैं, तो आप अपने साथ-साथ दूसरों को भी जोखिम में डाल रहे हैं।

जनभागीदारी बना कुछ संभव नहीं

पीएम ने कहा कि कोई भी मिशन जन-भागीदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता है। इसीलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहयोग बहुत जरूरी है। आप लोकल खरीदेंगे, लोकल के लिए वोकल होंगे। ये भी एक तरह से देश की सेवा ही है। भारत का संकल्प है - भारत के स्वाभिमान और संप्रभुता की रक्षा. भारत का लक्ष्य है – आत्मनिर्भर भारत। भारत की परंपरा है-भरोसा, मित्रता। भारत का भाव है-बंधुता। हम इन्हीं आदर्शों के साथ आगे बढ़ते रहेंगे।

2020 पर बोले, पूरा साल खराब नहीं

मोदी ने कहा कि लोग अकसर बोलते दिखे कि ये साल कब बीतेगा। फोन पर लोग यही बात करते हैं कि साल कब बीतेगा। लोग कह रहे साल अच्छा नहीं, यह शुभ नहीं। लोग चाहते हैं कि यह साल जल्द बीत जाए। मोदी ने कहा कि इस साल देश ने कोरोना संकट देखा। उस बीच अम्फान, निसर्ग तूफान भी आए। फिर टिड्डी दल और भूकंप के इतने झटके। इस बीच पड़ोसी देशों से तनातनी भी हुई। लेकिन इस सब के बावजूद साल को खराब कहना ठीक नहीं। मोदी बोले कि मुश्किलें आती हैं, संकट आते हैं लेकिन आपदाओं की वजह से साल को खराब मानना ठीक नहीं। यह सोच लेना कि पूरा साल ही ऐसा है ठीक नहीं। एक साल में एक चुनौती या 50 चुनौती उससे साल खराब नहीं होता।