Vikas Dubey Arrested: उज्जैन के महाकाल मंदिर से पकड़ा गया कुख्यात विकास दूबे

By Tatkaal Khabar / 09-07-2020 07:16:13 am | 11664 Views | 0 Comments
#

उज्जैन । उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर और कानपुर में आठ पुलिस जवानों की हत्या के आरोपी विकास दुबे को गुरुवार की सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसके साथ उसके दो साथी भी गिरफ्तार किए गए हैंलिस ने उसे उज्जैन से गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक, उज्जैन के महाकाल मंदिर में वो संरेंडर करना 
कानपुर हत्याकांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे आखिरकार गिरफ्तार हो गया है. पुचाहता था, लेकिन पहले ही पुलिस को जानकारी दे दी गई. एक तस्वीर में विकास दुबे मंदिर में सोफे पर बैठा दिख रहा है. पुलिसवाले विकास को पकड़ कर ले गए. महाकाल मंदिर के सिक्योरिटी गार्ड ने ही पुलिस को जानकारी दी थी. करीब 10 राज्यों की पुलिस विकास की तलाश में लगी थी.


उत्तर प्रदेश के कानपुर में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर आठ पुलिसकर्मियों को शहीद करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का जघन्य आपराधिक इतिहास रहा है. बचपन से ही वह अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता था. पहले उसने गैंग बनाया और लूट, डकैती, हत्याएं करने लगा. 19 साल पहले उसने थाने में घुसकर एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री की हत्या की और इसके बाद उसने राजनीति में एंट्री लेने की कोशिश की थी. लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. विकास कई बार गिरफ्तार हुआ, एक बार तो लखनऊ में एसटीएफ ने उसे दबोचा था.


विकास के दो साथियों का एनकाउंटर
आज सुबह ही पुलिस ने एनकाउंटर में विकास दुबे के दो और साथियों प्रभात मिश्रा और बउअन को मार गिराया है. विकास के करीबी माने जाने दोनों अपराधी कानपुर कांड में शामिल थे. प्रभात को कानपुर की पनकी थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने ढेर किया. प्रभात को फरीदाबाद से गिरफ्तार करके रिमांड पर लाया जा रहा था, यहां उसने पुलिस का हथियार छिनकर भागने की कोशिश की और मारा गया. पुलिस की गाड़ी पंचर हो जाने की वजह से प्रभात ने भागने की नाकाम कोशिश की. प्रभात ने पुलिस का हथियार छीनकर फायर किया जिसमें पुलिस के दो जवान घायल हे गए. प्रभात बिकरु गांव का रहने वाला था.


वहीं इटावा के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में कुछ बदमाशों ने एक गाड़ी लूटी. पुलिस को सूचना मिली और एनकाउंटर के दौरान एक अपराधी को गोली लगी और उसकी पहचान रणवीर उर्फ बउअन के रूप में हुई. बउअन पर 50 हजार का इनाम था