रेलवे तैयार कर रहा दुनिया का पहला ऐसा खास तरह का टनल
देश का सबसे बड़ा रेलवे (Indian Railways) का ड्रीम प्रोजेक्ट डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कोविड (COVID 19) महामारी के बावजूद तेजी से पूरा हो रहा है। पहले चरण में 2 कॉरिडोर ईस्टर्न कॉरिडोर और वेस्टर्न कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। इन दोनों कॉरिडोर में 500 किलोमीटर का ट्रैक रेलवे पहले ही बिछा चुका है जिस पर गुड्स ट्रेन चलने लगी हैं जबकि 500 किलोमीटर का ट्रैक अगले महीने तक तैयार होने जा रहा है।
विश्व का पहला विद्युतीकृत रेल टनल
रेलवे की डेडीकेटेड फ्रेट के इंजीनियरों के मुताबिक, अरावली की पहाड़ियों के बीच डबल रेक के लिहाज से टनल बनाना एक बड़ी चुनौती थी लेकिन साल भर के भीतर इसको तैयार कर लिया गया है। रेलवे के डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के सीएमडी एके सचान के मुताबिक यह डबल स्टेक कंटेनरों के संचालन के लिए उपयुक्त विश्व का पहला विद्युतीकृत रेल टनल होगा। टनल का यह कार्य रिकॉर्ड एक वर्ष से भी कम समय में पूरा किया गया है। इस साइट पर कार्य 2019 में शुरू हुआ था।
सुगम आवागमन के लिए उच्चतम ओएचई
भूवैज्ञानिक रूप से यह सुरंग सुरक्षित और स्थिर है क्योंकि यह 2500 से 500 मिलियन वर्ष पुरानी प्रोटेरोजोइक चट्टानों मुख्यतः दिल्ली सुपरग्रुप राॅक्स की अलवर/अजबगढ़ समूहों की क्वार्ट्जाइट, स्किस्ट और स्लेट्स है, से गुजरती है जिनकी उच्च वहन क्षमता है। इस टनल के माध्यम से 100 किमी प्रतिघंटा की गति से डबल स्टेक कंटेनर और 25 टन एक्सल लोड वाली मालभाड़ा रेलगाड़ियां गुजरेंगी।
यह टनल हरियाणा के मेवात एवं गुरूग्राम जिला को जोड़ती है और अरावली रेंज की चढ़ावदार एवं समतल ढलान पर मजबूत ढाल को पार करती है।