केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल देंगी किसान बिल के विरोध में सरकार से इस्तीफा
पंजाब समेत हरियाणा और देश के कई हिस्सों में केंद्र के कृषि अध्यादेशों को लेकर शिरोमणि अकाली दल की केंद्र सरकार से नाराजगी खुलकर सामने आ गई है। अकाली दल के अध्यक्ष और सांसद सुखबीर बादल ने लोकसभा में बिल का विरोध करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में सरकार से इस्तीफा देंगी।
किसानों से जुड़े बिल को लेकर मोदी सरकार और अकाली दल में मतभेद अब खुलकर सामने आ गए हैं। अब तक इस मामले में हरसिमरत कौर बादल की तरफ से चुप्पी साधी गई थी और सुखबीर बादल भी कह रहे थे कि कृषि अध्यादेशों के पास होने से एमएसपी खत्म नहीं होगी, हालांकि बीते दो दिन से सुखबीर बादल कह रहे हैं कि बिल से किसानों को सीधा नुकसान होगा। अब लोकसभा में सुखबीर बादल ने कहा कि ‘हम एनडीए के साथी हैं, इसीलिए हमने पिछले दो महीने में कई बार इस मुद्दे को उठाया, हमने हर फोरम पर इसे उठाया, लेकिन बिल लाया गया, इसीलिए हमने फैसला लिया कि हम किसानों के खिलाफ जो बिल है, हम उसके साथ नहीं खड़े हो सकते हैं।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने क्या कहा था?
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक दिन पहले ही कहा था- ‘किसानों से जुड़े विधेयकों को लेकर अकाली दल के साथ चर्चा कर ही आगे बढ़े हैं, जेपी नड्डा ने कहा कि अकाली दल के नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं। सारी चीजों के बारे में जानकारियां दे रहे हैं, बात भी हो रही है और चर्चा भी कर रहे हैं। अभी से नहीं, लगातार हो रही है। चर्चा के जरिए ही हम आगे बढ़ रहे हैं और आगे बढ़ेंगे।’ शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और सांसद सुखबीर सिंह बादल ने इन विधेयकों को लेकर जेपी नड्डा से मंगलवार को मुलाकात की थी और कहा था कि इस कानून को लेकर पंजाब के किसानों में शंकाएं हैं। सरकार को इस विधेयक और अध्यादेश को वापस लेना चाहिए।
भूंदड़ ने कहा- बीजेपी और अकाली दल का एजेंडा अलग
मोदी सरकार में सहयोगी शिरोमणि अकील दल ने खुलकर किसानों से जुड़े तीनों विधेयक का विरोध किया है। शिरोमणि अकाली दल का कहना है कि हम साथ है इसका मतलब ये नहीं है कि हम इसका विरोध न करें। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा वे संसद में पेश किए गए कृषि से जुड़े तीन नए बिल के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। भूंदड़ ने यहां तक कहा कि बीजेपी और अकाली दल का एजेंडा अलग है।
पंजाब में 18 महीने बाद विधानसभा चुनाव
पंजाब में किसानों से जुड़े इन बिल को लेकर जबरदस्त विरोध हो रहा है। 18 महीने बाद पंजाब में विधानसभा चुनाव हैं, पंजाब के लिए किसानी एक बड़ा मुद्दा है। पंजाब में किसान सड़कों पर बीते कई दिन से विरोध कर रहे हैं। बिला के खिलाफ किसानों में जबरदस्त असंतोष है। किसानों के इस विरोध में कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी अब तक अकाली दल और मोदी सरकार पर सवाल खड़ी करती रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बार-बार सवाल पूछते रहे हैं कि जब इस बिल को लेकर विचार किया जा रहा था तो उस समय अकाली दल क्या कर रहा था?
जिन विधेयकों को लेकर किसानों में असंतोष है, उसमें आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, किसान व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश और किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) शामिल है, मंगलवार को आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक को लोकसभा में पारित किया गया। केंद्र सरकार का कहना है कि ये बिल किसान के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाली है।