संसद में ही रातभर धरना देंगे निलंबित सांसद
विपक्षी दलों का आरोप है कि जिस तरह कल (रविवार) उपसभापति ने विपक्ष द्वारा कृषि बिल पर मतविभाजन की मांग को अस्वीकार किया, वो पूरी तरह असंवैधानिक है। हंगामें के दौरान जिस तरह से मार्शल ने सांसदों के साथ धक्कामुक्की की, वो भी संसदीय मर्यादाओं के खिलाफ है।
संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) का सोमवार को 8वां दिन है। किसान बिल (Agriculture Bills 2020) को लेकर सरकार और विपक्ष की तनातनी आज भी जारी है। राज्यसभा में रविवार को कृषि बिल को लेकर हंगामा करने वाले विपक्ष के 8 सांसदों को आज सभापति वैंकेया नायडू ने पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है। इसके विरोध में सभी 8 सांसद सदन के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, निलंबित सांसद रातभर संसद में ही धरना प्रदर्शन करेंगे। आम आदमी पार्टी (AAP MP Sanjay Singh) ने तो घर से तकिया-बिस्तर तक मंगवा लिया है।
निलंबित होने वाले सांसदों में डेरेक ओ'ब्रायन (तृणमूल कांग्रेस), संजय सिंह (आम आदमी पार्टी), राजू साटव (कांग्रेस), केके रागेश (सीपीआई-एम), रिपुण बोरा (कांग्रेस), डोला सेन (तृणमूल कांग्रेस), सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस), एलमाराम करीम (सीपीआई-एम)। बीजेपी सांसद ने इनकी शिकायत की थी। जिसके बाद सभापति वैंकेया नायडू ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इन सांसदों के खिलाफ एक्शन लिया।
विपक्ष ने लगाए ये आरोप
इनके साथ ही दूसरे निलंबित सांसद भी संसद के अंदर गांधी स्टेच्यू के पास धरने पर बैठ गए हैं। कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों का आरोप है कि जिस तरह कल उपसभापति ने विपक्ष द्वारा कृषि बिल पर मतविभाजन की मांग को अस्वीकार किया, वो पूरी तरह असंवैधानिक है।
निलंबित सांसदों का ये भी आरोप है कि रविवार को 12 राजनीतिक दलों के 100 सांसदों द्वारा उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को आज बिना सुने खारिज किया गया। साथ ही सारा दोष विरोध कर रहे विपक्षी सांसदों पर डाल दिया गया। इससे साफ है कि मोदी सरकार संसद को संसदीय मर्यादाओं के अनुरूप नहीं चलाना चाहती। विपक्षी पार्टी ये भी आरोप लगा रहे हैं कि मोदी सरकार गुजरात मॉडल को अब संसद पर भी थोपना चाहती है।
आज राज्यसभा में क्या हुआ?
राज्यसभा में रविवार को किसान बिल पर बेहद नाटकीय ढंग से हंगामा करने वाले सांसदों को आज निलंबित किया गया है। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन शुरू होते ही एक हफ्ते के निलंबन की घोषणा की। इसके बाद हंगामा हुआ तो सदन सुबह 10 बजे तक स्थगित कर दिया गया। दोबारा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कार्यवाही शुरू कराई तो सस्पेंड हुए सांसद फिर नारेबाजी करते हुए वेल तक पहुंच गए।