किसानों के महाआंदोलन को इन पार्टियों से भी मिला समर्थन, 8 दिसंबर को भारत बंद
नई दिल्ली
किसान आंदोलन की धार तेज करने के लिए यूनियनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया है। केंद्र सरकार से पांच राउंड की बातचीत फेल रही है। नए कृषि विधेयकों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। किसान बड़े पैमाने पर विरोध दर्ज कराने जा रहे हैं। कांग्रेस ने किसानों के भारत बंद का समर्थन करने का ऐलान किया है। कांग्रेस ने कहा कि पार्टी किसानों के समर्थन में है और 8 दिसंबर को भी किसानों का साथ देगीमंगलवार को होने वाली बंदी को 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का भी समर्थन है। प्रदर्शनकारी किसानों की मूल मांग कृषि क्षेत्र से जुड़े तीनों कानून वापस लेने की है, जिसपर केंद्र सहमत नहीं। हालांकि सरकार कानूनों में कुछ संशोधन के लिए राजी है मगर किसान नेता अड़े हुए हैं। किसानों का आंदोलन मुख्य रूप से दिल्ली-एनसीआर में केंद्रित था, लेकिन अब यह राष्ट्रव्यापी होता जा रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के किसानों से भी दिल्ली आने की अपील की गई है।
8 दिसंबर को भारत बंद, किन-किन राजनीतिक दलों का समर्थन?
कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह 8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करेगी। पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इसे राहुल गांधी के किसानों को समर्थन को मजबूत करने वाला कदम करार दिया। इसके अलावा लेफ्ट पार्टियों ने भी एक संयुक्त बयान जारी कर भारत बंद का खुलकर समर्थन किया। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC), लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD), राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने भी राष्ट्रव्यापी बंदी का साथ देने का फैसला किया है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी बंद के समर्थन का ऐलान किया है। केजरीवाल ने एक ट्वीट में 'सभी देशवासियों से अपील की कि सब लोग किसानों का साथ दें और इसमें हिस्सा लें।'