दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर दोपहर 12 बजे किसान संगठनों की बैठक

By Tatkaal Khabar / 09-12-2020 03:08:23 am | 13183 Views | 0 Comments
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ए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों की तरफ से मंगलवार को बुलाया गया भारत बंद शांतिपूर्ण रहा और इसका देशव्यापी असर देखने को मिला. मंगलवार देर रात 13 किसान नेताओं की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात बेनतीजा रही. अचानक हुई बैठक में किसी हल की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन किसान नेता अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. वहीं दूसरी ओर सरकार ने भी अपनी मंशा साफ कर दी है कि कानून वापस नहीं होंगे. किसान आंदोलन से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स के लिए बने रहिए हिंदुस्तान केसरी न्यूज़ दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर दोपहर 12 बजे किसान संगठनों की बैठक होगी.. किसान नेता हनन मुल्ला ने कहा है कि कृषि कानूनों को निरस्त करना होगा और बीच का कोई रास्ता नहीं है. किसान आंदोलन को लेकर शरद पवार समेत पांच विपक्षी नेता आज शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने वाले हैं. राष्ट्रपति से मिलने जाने वाले नेताओं में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा और डीएमके नेता टीआर बालू शामिल हैं. राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले पवार के घर सभी नेताओं की बैठक होगी उसके बाद राष्ट्रपति भवन रवाना होने का प्रोग्राम है. किसान सीधे कानून रद्द करने के लिए हां या ना में जवाब चाहते हैं लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है. सरकार कानून में संशोधन के प्रस्ताव लिखित में आज किसानों को देगी जिसपर किसान दोपहर बारह बजे सिंघु बॉर्डर पर बैठक करके आगे की रणनीति तय करेंगे. हालांकि रात की बेनतीजा बातचीत के बाद किसान नेता आज की बैठक टलने की बात कह रहे हैं. आज की प्रस्तावित बैठक से पहले ही बीती रात नौ बजे सरकार और किसान नेता एक बार फिर चर्चा के लिए आमने-सामने थे दिल्ली के इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर में होने वाली इस बैठक में खुद गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत का छठा राउंड शुरू हुआ जो रात ग्यारह बजे तक चला.. बैठक में राकेश टिकैत, दर्शन पाल, हन्नन मुला समेत 13 किसान नेता शामिल हुए. अचानक रात में हुई इस बैठक से हलचल हुई लगा कुछ फैसला हो जाएगा. लेकिन पिछली पांच बैठकों की तरह ये बैठक भी बेनतीजा ही साबित हुई. गृह मंत्री अमित शाह से मंगलवार की रात को मुलाकात के बाद किसान नेताओं ने कहा कि कल सरकार की तरफ से प्रस्ताव दिया जाएगा. उसके ऊपर पहले विचार करेंगे उसके बाद आगे का फैसला करेंगे. केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के प्रदर्शन पर कहा कि इसके पीछे ताकतें हैं. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सिर्फ विरोध करने के लिए ही विरोध करती है. रविशंकर ने कहा कि यह कांग्रेस के दोहरे चरित्र को जाहिर करता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने घोषणापत्र में सुधार की बात कही थी. उन्होंने साफ किया कि केन्द्र सरकार ना ही मंडी को खत्म कर रही और ना किसी प्रदेश के कानून में कोई हस्तक्षेप करने जा रही है. गृह मंत्री अमित शाह की किसान संगठनों के नेताओं के साथ वार्ता चल रही है. बुधवार को केन्द्रीय मंत्री और किसान संगठनों के बीच होने वाले छठे दौर की बैठक से पहले इसे काफी अहम माना जा रहा है. किसान नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली और उसके आसपास के इलाको में आकर पिछले 12 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से अमित शाह के साथ बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- हम अपने लोगों की बात बैठक में करने जा रहे हैं. गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से प्रदर्शनकारी किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया गया है. राकेश टिकैत अमित शाह के घर के पास पहुंचे हैं. हालांकि, वह कह रहे हैं कि बाकी नेता कहां हैं उन्हें नहीं पता और वह उनका इंतजार कर रहे हैं. छठे दौर की बातचीत से पहले थोड़ी देर में किसानों के साथ होगी गृह मंत्री अमित शाह की बैठक होने जा रही है. इस बैठक को किसान आंदोलन के आगे के भविष्य की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.