मोदी सरकार फिर बेच रही सस्ता सोना, बस इतने दिन बचे हैं आपके पास
मोदी सरकार (modi govt) आपके लिए यह मौका लेकर आई है. साल के खत्म होने के पहले आप मोदी सरकार से सस्ता सोना खरीद सकते हैं. दरअसल, 28 दिसंबर 2020 से एक जनवरी 2021 के बीच सरकार एक बार फिर आपको सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश का अवसर प्रदान कर रही है. हालांकि यह गोल्ड आपको फिजिकल रूप में प्राप्त नहीं होगा. गोल्ड बॉन्ड की अगली किस्त के लिए 5000 रुपये प्रति ग्राम का भाव तय करने का काम किया गया है.
निर्गम मूल्य 5,000 रुपये प्रति ग्राम तय: इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि अगली श्रृंखला के सरकारी गोल्ड बांड के लिये निर्गम मूल्य 5,000 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. सरकारी गोल्ड बांड योजना 2020-21 श्रृंखला नौ अभिदान के लिये 28 दिसंबर, 2020 को खुलेगा और एक जनवरी, 2021 को बंद होगा. आरबीआई ने एक बयान में कहा कि गोल्ड बांड का मूल्य 5,000 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. बांड का मूल्य इंडियन बुनियन एंड जूलर्स एसोसएिशन लि. द्वारा प्रकाशित सरल औसत बंद मूल्य पर आधारित है. इसमें मूल्य तय करने के लिये 999 शुद्धता वाले सोने के अभिदान यानी आवेदन अवधि के पिछले सप्ताह के तीन कारोबारी दिवस के औसत मूल्य को लिया जाता है. इस मामले में कारोबारी दिवस 22 से 24 दिसंबर है.
प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट देने का निर्णय : आरबीआई के अनुसार सरकार ने केंद्रीय बैंक के साथ विचार-विमर्श कर ऑनलाइन आवेदन करने और डिजिटल माध्यम से भुगतान करने पर निवेशकों को प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट देने का निर्णय किया है. श्रृंखला आठ के गोल्ड बांड का निर्गम मूल्य 5,177 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया था. यह आवेदन के लिये नौ नवंबर को खुला था और 13 नवंबर को बंद हुआ था. केंद्रीय बैंक सरकारी गोल्ड बांड 2020-21 भारत सरकार की तरफ से जारी करता है. बांड में निवेशक एक ग्राम के गुणक में निवेशक कर सकते हैं. इसमें निवेश की अवधि आठ साल है. पाचवें साल से योजना से ब्याज भुगतान की तिथि से बाहर निकलने का विकल्प उपलब्ध है.
बांड की बिक्री इन्हें की जाएगी: बांड की बिक्री व्यक्तिगत रूप से यहां के निवासियों, हिंदु अविभाजित परिवार, न्यास, विश्विविद्यालय और परमार्थ संस्थानों को ही की जाएगी. इसमें व्यक्तिगत रूप से और हिंदु अविभाजित परिवार प्रति वित्त वर्ष न्यूनतम एक ग्राम सोने और अधिकतम चार किलो सोने के लिये निवेश कर सकते हैं. जबकि न्यास और इस प्रकार की अन्य इकाइयां प्रति वर्ष 20 किलो सोने में निवेश कर सकते है. गोल्ड बांड की बिक्री बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर),स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, मनोनीत डाकघरों और मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों (बीएसई और एनएसई) के जरिये की जाएगी.