एक बार जरूर लें मुंबई से तटीय शहर रत्नागिरि के सफर का मज़ा
महाराष्ट्र में अरब सागर और सहसाद्रि पर्वत के बीच में स्थित रत्नागिरि, शहर पहाड़ों, समुद्रतट, जंगल, नदी और हॉट वॉटर स्प्रिंग और झरनों से घिरा है। पर्यटकों के लिए यहां सब कुछ है। ये हैं भारत के प्राकृतिक आश्चर्य..जिन्हें देख रह जायेंगी आँखे खुली की खुली रत्नागिरि को अल्फांसो आम के लिए भी जाना जाता है। इसके अलावा रत्नागिरि अपने स्वादिष्ट खाने के लिए भी प्रसिद्ध है।
यहां की फिश करी राइस और सोलकड़ी बहुत लोकप्रिय है। जिंदगी में एक बार जरूर जाएं भारत के इन रोड ट्रिप पर इस जगह पर स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक और वीर सावरकर का जन्म हुआ था। यहां शिवाजी के शासन काल में बनाए गए कई शानदार किले आज भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मुंबई से 335 किमी दूर रत्नागिरि में मुंबईवासी वीकेंड पर घूमने आ सकते हैं। रत्नागिरि आने का सही समय गर्मी के मौसम में रत्नागिरि का तापमान बहुत गर्म रहता है। इस दौरान तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। मॉनसून के दौरान मज़ा तो आता है.. लेकिन इस दौरान उमस के कारण पसीना आने लगता है। इसलिए सर्दी यानि नवंबर से फरवरी तक के बीच रत्नागिरि आना सबसे सही रहता है।
यहां की फिश करी राइस और सोलकड़ी बहुत लोकप्रिय है। जिंदगी में एक बार जरूर जाएं भारत के इन रोड ट्रिप पर इस जगह पर स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक और वीर सावरकर का जन्म हुआ था। यहां शिवाजी के शासन काल में बनाए गए कई शानदार किले आज भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मुंबई से 335 किमी दूर रत्नागिरि में मुंबईवासी वीकेंड पर घूमने आ सकते हैं। रत्नागिरि आने का सही समय गर्मी के मौसम में रत्नागिरि का तापमान बहुत गर्म रहता है। इस दौरान तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। मॉनसून के दौरान मज़ा तो आता है.. लेकिन इस दौरान उमस के कारण पसीना आने लगता है। इसलिए सर्दी यानि नवंबर से फरवरी तक के बीच रत्नागिरि आना सबसे सही रहता है।
कैसे पहुंचे रत्नागिरि रेल मार्ग : रत्नागिरि का अपना रेलवे स्टेशन है। मुंबई से रत्नागिरि के लिए हर रोज़ चार ट्रेनें चलती हैं। रेल से लगभग 6 घंटे का सफर तय करना होता है।
सड़क मार्ग : सड़क मार्ग से मुंबई से रत्नागिरि के लिए तीन रूट इस प्रकार हैं :
पहला रूट : मुंबई - नवी मुंबई - चिपलुन - पटन्सई - एनएच 66 के माध्यम से रत्नागिरी। 347 किमी लंबे इस सफर में लगभग 7 घंटे का समय लगेगा।
दूसरा रूट : मुंबई - लोनावाला - खंडाला - पिंपरी चिंचवाड़ - सातारा - बेंगलुरु-मुंबई हाइवे / मुंबई हाइवे / मुंबई-पुणे हाइवे और एनएच 48 के माध्यम से रत्नागिरी। इस रूट पर पहले रूट के मुकाबले एंक घंटे का समय ज्यादा लगता है। 446 किमी लंबे इस सफर में 8 घंटे का समय लगता है।
तीसरा रूट : मुंबई - लोनावाला - पिंपरी चिंचवाड़ - चिपलुन - पटांसी - बैंगलोर-मुंबई हाइवे / मुंबई हाइवे / मुंबई-पुणे हाईवे और एनएच 66 के जरिये रत्नागिरी। 439 किमी लंबे इस सफर में 9 घंटे का समय लगता है। तीनों रूटों में से ये सबसे लंबा है।
रत्नागिरि का सफर मुबई से रत्नागिरि के दूसरे रूट की सड़कें ज्यादा व्यवस्थित हैं इसलिए आपको दूसरे रूट से जाना चाहिए। बिना कहीं रूके इस सफर में 8 घंटे का समय लगता है इसलिए सुबह जल्दी निकलने की कोशिश करें। मुंबई से लोनावला की दूरी 83 किमी है और यहां पहुंचने में आपको 1 घंटे 45 मिनट का समय लगेगा। लोनावला एक खूबसूरत हिल स्टेशन है जिसे लॉर्ड एल्फिनस्टोन ने 1871 में खोजा था। टाइगर लीप एक बहुत ही खूबसूरत चट्टान है जोकि दिखने में ऐसी लगती है मानो कोई बाघ घाटी में उछल रहा हो। यहां से पश्चिमी घाट का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है। इसकी ऊंचाई 650 मीटर है और टाइगर लीप पर ईको प्वाइंट मुख्य आकर्षण है। मॉनसून के दौरान लोनावला का बुशी बांध भी शानदार लगता है। ये इंद्रायणी नदी पर बना है। मॉनसून के दौरान इस बांध की सीढियों तक पानी आ जाता है। इस नज़ारे को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं।
लोनावला लोनावला हिल स्टेशन को भारत में गर्मी की मार से बचने के लिए ब्रिटिश लॉर्ड एल्फिनस्टोन ने खोजा था। इस जगह को इसके मौसम और चिक्की के लिए जाना जाता है। यहां पर गुड़ से और मूंगफली से चिक्की बनाने वाली कई दुकानें हैं।
खंडाला मुंबई वासियों का पसंदीदा हिल स्टेशन है खंडाला जोकि इमेजिका थीम पार्क से 24 किमी दूर है। पश्चिमी घाट पर प्राकृतिक सौंदर्य से सजी इस जगह पर कई पर्वत चोटियां, झीलें और गुफाएं हैं। खंडाला के तीन प्रमुख व्यूप्वाइंट में से एक हैं टाइगर लीप, अमृतंजन प्वाइंट और ड्यूक नोज़। यहां से इस पूरे हिल स्टेशन का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है। इसके अलावा यहां भुशी झील, करला और भजा गुफाएं भी दर्शनीय हैं।