तीनों कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

By Tatkaal Khabar / 12-01-2021 10:03:31 am | 12868 Views | 0 Comments
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सुप्रीम कोर्ट ने आज कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है और मसले के समाधान के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. कोर्ट ने किसान संगठनों से कहा, यह राजनीति नहीं है. राजनीति और न्यायतंत्र में फर्क है और आपको सहयोग करना ही होगा. सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को पिछले साल सितंबर में बनाए गए तीन कृषि कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई और इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है। आज की सुनवाई पूरी हो गई है और सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है। साथ ही कमेटी का भी गठन कर दिया है। 

-सुप्रीम कोर्ट ने गणतंत्र दिवस परेड बाधित करने की आशंका पर, जो दिल्ली पुलिस ने याचिका डाली थी, उसको लेकर नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम सॉलिसीटर जनरल की अर्जी पर नोटिस जारी कर रहे हैं। इस पर सोमवार को सुनवाई होगी। सभी पक्षों को याचिका की कॉपी दी जाए। 

-मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमको ऐसा भी सुनने को मिला है कि प्रतिबंधित संगठन भी आंदोलन में लगे हैं। इसपर CJI ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि क्या आप इसकी पुष्टि करते हैं? अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हम कहना चाहते हैं कि खालिस्तानियों ने विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ की है। CJI बोले- आप कल तक इस पर हलफनामा दीजिए। इसका मतलब यह नहीं कि हम पूरे मामले पर आज आदेश नहीं देंगे। आदेश आज ही आएगा। आप इस पहलू पर कल तक जवाब दें।
SC ने कहा- किसानों को कमेटी के सामने पेश होना होगा

आपको बता दें कि मंगलवार की सुनवाई में किसानों की ओर से पहले कमेटी का विरोध किया गया और कमेटी के सामने ना पेश होने को कहा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख बरता और कहा कि अगर मामले का हल निकालना है तो कमेटी के सामने पेश होना होगा. अब हर मसला कमेटी के सामने उठाया जाएगा.


मध्यस्थता नहीं, समाधान कराएगी कमेटी

सुप्रीम कोर्ट ने  भी साफ किया कि कमेटी कोई मध्यस्थ्ता कराने का काम नहीं करेगी, बल्कि निर्णायक भूमिका निभाएगी. कमेटी कानून का समर्थन और विरोध कर रहे किसानों से बात करेगी. दोनों पक्ष को सुना जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो कानून सस्पेंड करने को तैयार हैं, लेकिन बिना किसी लक्ष्य के नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसान समस्या का हल चाहते हैं तो उन्हें कमेटी में पेश होना होगा.