किसान आंदोलन:सरकार और किसानों में 10वें दौर की वार्ता शुरू
दिल्ली, 20 जनवरी (एजेंसी)
3 केंद्रीय मंत्रियों और किसान समूहों के प्रतिनिधियों के बीच नये कृषि कानूनों को लेकर 10वें दौर की वार्ता शुरू।देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों के प्रदर्शन का बुधवार को 56वां दिन है। किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे यूनियनों के नेताओं की आज (बुधवार) को सरकार के साथ 10वें दौर की वार्ता होगी।आंदोलनरत किसान केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। इन दोनों मांगों को लेकर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे यूनियनों के नेताओं की आज (बुधवार) को सरकार के साथ 10वें दौर की वार्ता होगी। यहां विज्ञान भवन में दोपहर दो बजे से शुरू होने वाली इस बैठक में मंत्री समूह के साथ वार्ता के लिए उन सभी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद होंगे जो पिछली वार्ता में रहे हैं। पंजाब के किसान नेता कृपा सिंह ने बताया कि सरकार के साथ आज होने वाली वार्ता में भी किसानों की वही मांगें होंगी जो पिछली बैठकों में रही हैं। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग प्रमुख है और किसान के प्रतिनिधि पहले इस पर ही चर्चा करना चाहेंगे।
पंजाब के ही किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा, पिछली वार्ता में भी सरकार से एमएसपी पर चर्चा करने का आग्रह किया गया था और इस बैठक में भी हम इस पर चर्चा की उम्मीद करते हैं।केंद्र सरकार के साथ 10वें दौर की वार्ता से पहले आंदोलन की रहनुमाई करने वाले किसान नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी और शिव कुमार शर्मा कक्काजी के बीच मतभेद उभरकर सामने आने के संबंध में पूछे गए सवाल पर हरिंदर सिंह ने कहा कि अब दोनों में एकता हो गई है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन की अगुवाई करने वाले सभी किसान यूनियन व संगठन एकजुट हैं और जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
उधर, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान यूनियनों से नये कृषि कानूनों पर क्लॉज वाइज चर्चा करने का आग्रह किया है। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर किसान नेताओं ने कहा कि इतने दिनों से यही चर्चा होती आ रही है और अब बहुत चर्चा हो चुकी है, इसलिए अब वे मुख्य मांग पर चर्चा करना चाहेंगे।
केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करने और एमएसपी पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर 2020 से किसान जमे हुए हैं।
उधर, इन कानूनों पर विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सदस्यों की मंगलवार को यहां पहली बैठक हुई।