UP: छोटे, मझोले किसानों को आत्मनिर्भरता का बूस्टर डोज देगी योगी सरकार, गांव-गांव बन रहे हाट और बाजार
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) किसानों (Farmers) की बेहतरी के लिए नई कोशिशें कर रही है. प्रदेश के किसानों को व्यापार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में योगी सरकार ने एक और बड़ा कदम बढ़ा दिया है. इसी क्रम में सरकार ने अब तैयारी की है कि किसान को अपनी फसल बेचने के लिए शहर के बाजार तक नहीं जाना होगा. योगी सरकार किसानों को गांव के पास ही हाट और बाजार उपलब्ध कराने जा रही है. राज्य सरकार के निर्देश पर मण्डी परिषद प्रदेश भर में 52 ग्रामीण हाट और बाजार तैयार कर रहा है. इनमें प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर देहात, आगरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, लखनऊ, गोंडा जिले शामिल हैं. 25 करोड़ की लागत से बन रहे इन ग्रामीण बाजारों में किसानों की जरूरत की हर सुविधा उपलब्ध होगी.
योजना के अनुसार किसान अपने खेतों की पैदावार को गांव के पास में ही उपलब्ध हाट, बाजार में बेहतर कीमत में बेंच सकेंगे. इन बाजारों से किसान अपनी जरूरत की चीजें खरीद भी सकेंगे. गांव के पास बाजार उपलब्ध हो जाने से किसानों को दूर की मंडी तक अपने उत्पाद ले जाने का खर्च भी काफी कम हो जाएगा. ग्रामीण बाजार मिल जाने से किसानों के समय की बचत भी हो सकेगी.
इन बाजारों में अपनी उपज बेच सकेंगे किसान
किसान इन बाजारों में सब्जी, अनाज और फल समेत सभी तरह की फसल बेच सकेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों में तैयार हो रहे इन बाजारों में बारिश और धूप से बचाव की सुविधा के साथ पेय जल, शौचालय, सड़क और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. सरकार स्थानीय अधिकारियों के स्तर से किसानों को मिल रही सुविधाओं की निगरानी करेगी.
कुछ महीनों में संचालन शुरू
मण्डी परिषद ने ग्रामीण बाजारों पर काम शुरू कर दिया है. अगले कुछ महीनों के भीतर ही इन बाजारों का संचालन राज्य सरकार शुरू कर देगी. योगी सरकार की इस योजना को किसानों के लिए आत्म निर्भरता का बूस्टर डोज माना जा रहा है. खास तौर से छोटे और मझोले किसानों के लिए ग्रामीण बाजार की योजना बड़ा तोहफा साबित हो सकती है.
पूर्वांचल से लेकर पश्चिम तक बन रहे ग्रामीण बाजार
शहरों से काफी दूर पूर्वांचल के पिछड़े इलाकों को इन बाजारों के जरिये योगी सरकार आर्थिक विकास की मुख्य धारा में शामिल करने जा रही है ताकि किसान व्यापारियों और बिचौलियों पर निर्भर रहने के बजाय खुद अपनी फसल की बेहतर कीमत प्राप्त कर सकें. उन्हें बाजार के अर्थशास्त्र की जानकारी भी हो सके. 52 ग्रामीण बाजारों की योजना को जमीन पर उतारने के साथ ही सरकार पूर्वांचल और पश्चिम उत्तर प्रदेश के अन्य इलाकों में भी ग्रामीण बाजार बनाने की योजना पर काम कर रही है.