भ्रष्टाचार का मुद्दा कर्नाटक चुनाव में नहीं है इस बार

कर्नाटक के चुनाव पर भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग छिड़ी हुई है। दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन सब के बीच जमीनी मुद्दे और मसले दृश्य से ओझल दिखाई देते हैं। भ्रष्टाचार का मुद्दा कर्नाटक चुनाव में अहम माना जा रहा था। कांग्रेस और भाजपा ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं, बावजूद इसके कर्नाटक चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा न बन पाना हैरान करता है। फिलवक्त कर्नाटक चुनाव अपने अंतिम दौर में चल रहा है। आठ दिन बाद वहां नई सरकार बन जाएगी। कांग्रेस जहां अपने इस आखिरी दुर्ग को बचाने के लिए प्रयासरत है वहीं भाजपा दक्षिण के प्रवेश द्वार को फिर हथियाने के लिए एड़ी चोटी एक करने में जुटी है। पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस (जनता दल सेकुलर) को उम्मीद है कि कांग्रेस-भाजपा बहुमत से वंचित रहकर उसका समर्थन लेने मजबूर हो जाएंगे। कर्नाटक की राजनीति और नौकरशाही में भ्रष्टाचार की जड़े गहरी हैं, ऐसे में भ्रष्टाचार का चुनावी मुद्दा न बन पाना यह दर्शाता है कि यहां सभी दल हमाम में नंगे हैं।
पहली बार जब कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनी थी, तब भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा थे। कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस की जुबानी जंग छिड़ी हुई है। कांग्रेस और भाजपा अपनी-अपनी जीत के लिए जनता पर भरोसा जता रहे हैं। वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर भी आरोप हैं। अब देखना होगा कि आगामी दिनों में विकास के नाम पर वोट मिलते हैं या कांग्रेस पर एक बार वोटर फिर से भरोसा करता है, यह परिणाम आने पर ही पता लगेगा।
कर्नाटक चुनाव प्रचार में अपने पूर्व के भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एचडी देवेगौड़ा के प्रति जो आदरभाव दिखाया उसे राजनीति के जानकार भाजपा के मनोबल में कमी का संकेत मान रहे थे लेकिन पूर्व प्रधानमन्त्री द्वारा ज्योंही भाजपा से नजदीकी की सम्भावना से इंकार किया गया त्योंही नरेंद्र मोदी की सौजन्यता ने आक्रामकता का रूप ले लिया। दरअसल भाजपा के हौसले बुलंद होने की एक वजह लिंगायत मुद्दे के कमजोर पड़ने की संभावना भी है। इस समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की सिफारिश केंद्र को भेजकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जो ब्रह्मास्त्र छोड़ा था उससे भाजपा भोंचक होकर रह गई थी। मुख्यमन्त्री पद के उसके चेहरे येदियुरप्पा भी लिंगायत हैं।