कोविड की वैक्सीन लगने के बाद 30 फीसदी तक साइडइफेक्ट की वजह है बैचेनी, महिलाओं में इसके मामले ज्यादा
वैक्सीन लगने के बाद 30 फीसदी से अधिक लोगों में साइड इफेक्ट की वजह है बेचैनी। यह खुलासा वैक्सीन के साइड इफेक्ट पर रिसर्च करने वाली नेशनल एडवर्स इवेंट्स फॉलोइंग इम्युनाइजेशन कमेटी ने किया है। कमेटी ने ऐसे 88 मामलों पर स्टडी की। इनमें से 22 मामलों में साइड इफेक्ट की वजह बेचैनी सामने आई। 28 जून को स्टडी पूरी होने के बाद नतीजे जारी किए गए हैं।
महिलाओं में बेचैनी के मामले ज्यादा रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में बेचैनी के मामले अधिक सामने आए हैं। इस बेचैनी की एक बड़ी वजह है सुई से लगने वाला डर। इसे नीडिल फोबिया कहते हैं। जिन 22 लोगों को बेचैनी की शिकायत हुई उनमें से 16 लोगों ने कोविशील्ड लगवाई और बाकियों ने कोवैक्सीन का डोज लिया था।
एक्सपर्ट कहते हैं, इस तरह की बेचैनी को पोस्ट वैक्सीनेशन का साइड इफेक्ट नहीं मानना चाहिए। कोविड की वैक्सीन अभी नई है इसके कितने साइड इफेक्ट हो सकते हैं, यह पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है। इसलिए लोग वैक्सीन लगवाने के बाद जरूरत से ज्यादा चिंता करते हैं और बेचैनी बढ़ती है। इसकी एक वजह यह भी है। वैक्सीन लेने के बाद नींद न आना, सांस लेने में दिक्क्त होना जैसे लक्षण साइड इफेक्ट के दायरे में आते हैं।
बेचैनी से वैक्सीन पर क्या असर पड़ेगा एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बेचैनी के कारण कुछ कोविड वैक्सीन का असर कम हो सकता है। बेचैनी और तनाव दोनों ही सीधे तौर पर रोगों से लड़ने वाले इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाते हैं। इसकी बीमारी से लड़ने की क्षमता घटाते हैं। ऐसी स्थिति में निकलने वाले कॉर्टिसोल हार्मोन के कारण शरीर में कई ऐसी रिएक्शन शुरू हो जाती हैं जो शरीर में सूजन की वजह भी बन सकती हैं।
इस बेचैनी से बचने के लिए ये बातें ध्यान रखें
वैक्सीन लगवाने जाएं तो अपने मन से साइड इफेक्ट होने का डर निकाल दें, ट्रायल में साबित हो चुका है कि वैक्सीन सेफ है।
वैक्सीन लेने से कुछ दिनों पहले तक अपनी नींद पूरी करें, अल्कोहल से दूरी बनाएं और बेवजह चिंता करना छोड़ दें।
इंजेक्शन लगने की एक छोटी सी प्रक्रिया है, इससे डरने की जरूरत नहीं है। इसे लगने के दौरान अपने मन को डाइवर्ट करें।