जुगनू क्यों चमकते है? |Why do fireflies glow|
अक्सर आपने अपने आसपास जुगनू को उड़ते देखा होगा, और साथ ही साथ चमकते हुए भी देखा होगा, क्या आपने कभी सोचा है, कि आखिर जुगनू जगमगाते क्यों है? उससे प्रकाश कहां से आता है? आज इस आर्टिकल के माध्यम से इन प्रश्नो का उत्तर आपको उपलब्ध कराएंगे|
जुगनू के चमकने का कारण [the reason for the glow of the firefly]
जुगनू एक कीट प्रजाति के जीव होता है, जिसे अक्सर रात के समय चमकते हुए आसानी से देखा जा सकता है|
जुगनू में प्रकाश का उत्पादन एक प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया के कारण होता है, इस प्रक्रिया को बायोलुमिनसेंस (bioluminescence) कहा जाता है| यह प्रक्रिया विशेष प्रकाश उत्सर्जक अंगों (फोटोफोर) में होता है| यह अंग आमतौर पर जुगनू के उदर के अंतिम 2 या 3 खंडों पर उपस्थित होते है|
जुगनू ल्यूसिफेरिन (Luciferin) के कारण चमकता है, ल्यूसिफेरिन वर्णक (Luciferin pigment ) व कुछ कार्बनिक यौगिकों का ल्यूसिफेरेज एंजाइम (luciferase enzyme) की उपस्थिति में ऑक्सीकरण होता है, जिसके परिणामस्वरूप प्रकाश उत्पन्न होता है|
जुगनुओं द्वारा उत्पादित प्रकाश पीला, हरा, लाल या नारंगी रंग आदि हो सकता है|
दोनों लिंगों में बायोलुमिनसेंस (bioluminescence) की क्षमता होती है| लेकिन कुछ प्रजातियों में नर या मादा में से कोई एक चमकता है|
एक ही प्रजाति के नर और मादा ज्यादातर एक समान रंग की किरणों का उत्सर्जन करते है, लेकिन कुछ अपवाद भी है|
प्रकाश का रंग तापमान और अम्लता (pH) पर निर्भर करता है, साथ ही साथ पर्यावरण व ल्यूसिफरेज की संरचना पर भी निर्भर करता है|
जुगनू लगातार नहीं चमकते, बल्कि एक निश्चित अंतराल पर कुछ समय के लिए चमकते और बुझते रहते है|
प्रकाश का तरंगदैर्ध्य 510 से 670 किमी होता है|
जुगनू प्रकाश एक ठंडी रोशनी है, जिसमें लगभग 100 प्रतिशत ऊर्जा प्रकाश के रूप में केवल एक मिनट की गर्मी के रूप में दी जाती है|
मादा जुगनू के पंख नहीं होते है, इसलिए वह एक जगह ही चमकते है, जबकि नर जुगनू उड़ते हुए चमकते है, यही कारण है जिससे नर व मादा को आसानी से पहचाना जा सकता है|
जुगनू द्वारा उत्सर्जित प्रकाश का निम्न कार्यो में उपयोग किया जाता है :-
रोशनी का प्रयोग जुगनू अपने साथी को आकर्षित करने के लिए करते है| नर और मादा जुगनुओं से निकलने वाले प्रकाश का रंग, चमक और उनके जलने-बुझने के समय में थोड़ा अंतर होता है| इन्हीं के आधार पर वे दूर से भी एक-दूसरे को पहचान लेते है|
उत्पन्न प्रकाश भोजन खोजने में भी इनकी मदद करता है|
इसके अलावा यह स्वयं को दूसरे कीटभक्षियों से बचाने के लिए चेतावनी के रूप में भी उपयोग करता है|
जुगनुओं की कुछ प्रजातियों में तेज रोशनी पैदा होती है| पुराने जमाने में रात के समय इनका प्रयोग चिराग (lamp) की तरह किया करते थे| बहुत सारे जुगनूओं को छोटे-छोटे छेद वाले मिट्टी या धातु के बर्तनों में बंद करके उनकी रोशनी का उपयोग अपने घरों में उजाला करने या रास्ता देखने के लिए भी करते थे।
दक्षिण अफ्रीकी जंगलों में जुगनुओं की कुछ ऐसी प्रजातियां भी है, जिसका वजन 300 ग्राम तक होता है, और यह 10 फीट तक के क्षेत्र को प्रकाशमय कर सकते है|
इनके अलावा पृथ्वी पर लगभग 800 से भी अधिक प्रजातियां है| जिसमें प्रकाश उत्पन्न करने कि क्षमता होती है| जैसे :- शैवाल, कुकरमुत्ते, बैक्टीरिया, मछलियां, घोंघे और केकड़े की कुछ प्रजातियां आदि शामिल है|