धामी कैबिनेट नेगैरसैण में लिया ऐतिहासिक फ़ैसला

By Rupali Mukherjee Trivedi / 13-03-2023 05:16:42 am | 4659 Views | 0 Comments
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गैरसैण/ देहरादून: उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के लिए धामी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। सोमवार को गैरसैण में हुई धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके परिजनों को प्रादेशिक नौकरियों में 10% क्षैतिज आरक्षण दिए जाने के बिल के प्रस्ताव को धामी कैबिनेट ने मंज़ूरी दे दी है। उत्तराखंड में लंबे समय से राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण दिए जाने को लेकर की मांग चल रही थी। पूर्व में नैनीताल हाईकोर्ट ने वर्ष 2011 में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद से राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण दिये जाने का यह विधेयक वर्ष 2016 से राजभवन में लंबित था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बाबत अपने स्तर से स्वयं राजभवन से अनुरोध किया। उनके अनुरोध पर 7 साल बाद पिछले साल राजभवन ने इसे लौटा दिया था। इधर धामी सरकार ने विधेयक की ख़ामियों को दूर करते हुए नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किया। आंदोलनकारियों की माँग को लेकर सीएम धामी ने बड़ा मन दिखाते हुए प्राथमिकता के आधार पर इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंज़ूरी दे दी। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि यह निर्णय पिछले दिनों देहरादून में हुई कैबिनेट में होना था लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से यह प्रस्ताव कैबिनेट के सामने प्रस्तुत नहीं हो सका, जिसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन के आला अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई थी। जिसके बाद सोमवार को इस प्रस्ताव को मंज़ूरी मिल गई। धामी सरकार ने बढ़ाई थी पेंशन धामी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान सात दिए जेल गए अथवा घायल हुए आंदोलनकारियों की प्रतिमाह एक हजार रुपए पेंशन बढ़ाकर 6000 रुपये किया था। जबकि सात दिन जेल अथवा घायल हुए आंदोलनकारियों की श्रेणी से अलग राज्य आंदोलनकारियों के लिए प्रतिमाह पेंशन राशि में 1400 रुपये की वृद्धि कर प्रतिमाह 4500 रुपये किया था।