12 नवम्बर को मनाई जाएगी देव उठनी एकादशी, शुभ मुहूर्त

By Tatkaal Khabar / 09-11-2024 03:10:45 am | 2316 Views | 0 Comments
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हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। साल में कुल 24 एकादशी का व्रत रखा जाता है। प्रत्येक महीने में दो एकादशी तिथियां आती हैं एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष। इसमें कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि बहुत ही खास है, क्योंकि इस दिन देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा से जागते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन से सभी शुभ और मांगलिक कार्य फिर से प्रारंभ हो जाते हैं। तो आइए जानते हैं कि इस साल देवउठनी एकादशी की पूजा के लिए सबसे शुभ और उत्तम मुहूर्त क्या रहेगा।
देवउठनी एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त

देवउठनी एकादशी 2024 व्रत तिथि- 12 नवंबर 2024

कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ- 11 नवंबर 2024 को शाम 6 बजकर 46 मिनट से

कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का समापन- 12 नवंबर 2024 को शाम 4 बजकर 4 मिनट पर

देवउठनी एकादशी 2024 पारण का समय

एकादशी का व्रत सूर्योदय के बाद द्वादशी तिथि में किया जाता है। कहते हैं कि द्वादशी तिथि में पारण न करना पाप के समान होता है। ऐसे में द्वादशी तिथि के खत्म होने से पहले एकादशी का व्रत करन अत्ंयत आवश्यक है। देवउठनी एकादशी का पारण 13 नवंबर 2024 को किया जाएगा। द्वादशी तिथि समाप्त 13 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 1 मिनट पर होगा। देवउठनी एकादशी का पारण सुबह 6 बजकर 42 मिनट से सुबह 8 बजकर 51 मिनट के बीच किया जाएगा।

देवउठनी एकादशी व्रत का महत्व

देवउठनी एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी और देवुत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि आषाढ़ शुक्ल पक्ष की हरिशयनी या देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो जाते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तक होते हैं। कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास समाप्त हो जाते हैं। चातुर्मास के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन से ही शादी-ब्याह आदि सभी मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन व्रत कर विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही घर में धन-धान्य की कभी भी कमी नहीं होती है।