Sharadiya Navratri 2025: 22 सितंबर को घटस्थापना का श्रेष्ठ मुहूर्त, जानिए शुभ मुहूर्त

By Tatkaal Khabar / 21-09-2025 08:04:19 am | 214 Views | 0 Comments
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Sharadiya Navratri 2025               How to perform ghatasthapana during sharadiya  navratri learn its significance and auspicious time

माँ शक्ति की आराधना का सबसे पावन पर्व शारदीय नवरात्रि इस वर्ष 22 सितंबर 2025 से आरंभ हो रहा है। हर साल आश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होने वाला यह पर्व देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की साधना और उपासना का प्रतीक होता है। भक्तजन पूरे नौ दिनों तक मां के विभिन्न रूपों का विधिवत पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस वर्ष नवरात्रि 1 अक्टूबर को महानवमी के साथ संपन्न होगी।
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इस बार घटस्थापना, जो नवरात्रि का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कर्म है, 22 सितंबर को की जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि सही समय पर और उचित विधि से कलश स्थापना करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया के माध्यम से साधक अपने घर या पूजा स्थल पर देवी की ऊर्जा को आमंत्रित करता है।

पंचांग के अनुसार 22 सितंबर को घटस्थापना का ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 4 बजकर 35 मिनट से 5 बजकर 22 मिनट तक रहेगा, जिसे अत्यंत पुण्यदायक समय माना गया है। जो श्रद्धालु इस समय जागकर पूजा की शुरुआत करते हैं, उन्हें विशेष आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है।

इसके अलावा, जो लोग प्रातःकालीन या मध्याह्न समय में पूजा करना चाहते हैं, उनके लिए भी विशेष मुहूर्त उपलब्ध रहेंगे। प्रातः 6:09 से 8:06 तक और अभिजित मुहूर्त में प्रातः 11:49 से दोपहर 12:38 तक घटस्थापना करना शुभ फलदायी रहेगा। ये समय काल धार्मिक दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली माने जाते हैं।

घटस्थापना के लिए चौघड़िया अनुसार भी कुछ विशेष मुहूर्त बन रहे हैं, जिनमें अमृत, शुभ और लाभ जैसे सकारात्मक समय शामिल हैं। यह काल न केवल पूजा के लिए अनुकूल होते हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि, उन्नति और मानसिक शांति की प्राप्ति भी करते हैं।

प्रातःकाल व अभिजित मुहूर्त

प्रातःकाल का मुहूर्त: सुबह 06:09 से 08:06 बजे तक

अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:49 से दोपहर 12:38 बजे तक

इन समयों को घटस्थापना के लिए सर्वोत्तम माना जा रहा है।

घटस्थापना के चौघड़िया मुहूर्त

अमृत (सर्वोत्तम): 06:09 से 07:40 बजे तक

शुभ (उत्तम): 09:11 से 10:43 बजे तक

लाभ (उन्नति): 03:16 से 04:47 बजे तक

अमृत (सर्वोत्तम): 04:47 से 06:18 बजे तक

इन चौघड़िया कालों में भी घटस्थापना करना शुभ फलदायी रहेगा।

इस बार नवरात्रि के पहले दिन दो अत्यंत प्रभावशाली और मंगलकारी योग भी बन रहे हैं – शुक्ल योग और ब्रह्म योग। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ये योग अत्यधिक शुभ माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन योगों में प्रारंभ की गई पूजा या साधना साधक को जीवन में सफलता, यश, धन और सौभाग्य प्रदान करती है।

शारदीय नवरात्रि न केवल धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह आत्मिक शुद्धि और साधना का समय भी है। देवी के चरणों में समर्पण और अनुशासनपूर्वक की गई पूजा व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती है। इसलिए घटस्थापना जैसे मूल संस्कार को सही समय और श्रद्धा से करना नवरात्रि की संपूर्ण साधना को सफल बनाने की दिशा में पहला और सबसे आवश्यक कदम होता है