सेस वसूलने से गोवंश का संरक्षण सम्भव है तो, सरकार लाए राष्ट्रीय कानून: मायावती

By Tatkaal Khabar / 02-01-2019 01:43:56 am | 8618 Views | 0 Comments
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा गोवंश संरक्षण के लिए सेस वसूलने के फैसले पर रानजीतिक दलों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही हैं. गोवंश के लिए आश्रय स्थल बनाने और उसकी देखभाल के लिए लागू 'गो कल्याण सेस' पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि अगर इस सोच से गोवंश का संरक्षण संभव है तो केंद्र सरकार इस दिशा में एक राष्ट्रीय कानून बनाए.
गोवंश संरक्षण के लिये आबकारी और टोल पर सेस (उपकर) लगाने पर मायावती ने बुधवार को कहा कि बीजेपी और आरएसएस(राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) की इस सोच से अगर गोवंशयोगी सरकार की इस योजना के तहत हर जिले के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में गोवंश के लिए आश्रय स्थल बनाए जाएंगे. योगी सरकार ने इसके लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

का संरक्षण सम्भव है तो केन्द्र सरकार को इस मामले में एक राष्ट्रीय कानून बनाकर इसका समाधान कर देना चाहिए.
बता दें कि मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया था कि गोवंशीय पशुओं के अस्थायी आश्रय स्थलों की स्थापना एवं संचालन के लिए मंडी शुल्क से प्राप्त आय का दो फीसदी, प्रदेश के लाभकारी उद्यमों एवं निर्माणदायी संस्थाओं के लाभ का 0.5 प्रतिशत तथा यूपीडा जैसी संस्थाओं के टोल टैक्स में 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त राशि गो कल्याण उपकर 'सेस' के रूप में ली जाएगी.
योगी सरकार की इस योजना के तहत हर जिले के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में गोवंश के लिए आश्रय स्थल बनाए जाएंगे. योगी सरकार ने इसके लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं.