सावन में इस तिथि को व्रत रखने और 11 जोड़ा बेलपत्र चढ़ाने से होता है मनवांछित विवाह
सावन के 30 दिन भगवान शिव के प्रति श्रद्धा से समर्पण का उत्तम समय माना जाता है इसमें भी सबसे उत्तम है कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी। मंगलवार 30 जुलाई को सूर्योदय के पूर्व से ही त्रयोदशी का शुभ समय प्रारम्भ हो जाएगा। दिन के 3:40 बजे तक आर्द्रा नक्षत्र में विशेष फलदायी होगा। इसमें निशीथ पूजा अर्थात रात्रि पूजा का अपना महत्व है। कल्याणार्थी जन रात्रि वेला में जागरण करके श्री शिव की भक्ति करते हैं। शिव और पार्वती के प्रिय इस तिथि को व्रत रखने तथा ग्यारह जोड़ा बेल पत्र चढ़ाने से लड़के-लड़कियों का शीघ्र एवं मनोनुकूल विवाह होता है।